भारत की इमरान को दो टूक, कहा- आतंकवाद की नर्सरी है पाकिस्तान, दिखाया आईना

पाकिस्तान आतंकवाद की नर्सरी है। दूसरों को ज्ञान देने से पहले उसे यह समझना चाहिए कि आतंकवाद मानवाधिकारों के हनन का सबसे बुरा चेहरा है। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के सत्र में पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए भारत ने यह बात कही।सत्र के दौरान पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा उठाया था।

इस पर जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए भारत के स्थायी मिशन के फ‌र्स्ट सेक्रेटरी विमर्श आर्यन ने पाकिस्तान को आईना दिखाया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था और रहेगा। पाकिस्तान इस पर ललचाना छोड़ दे। जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक एवं प्रगतिशील विधायी सुधारों के लिए पिछले सात महीने में कई कदम उठाए गए हैं। इनका उद्देश्य सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षा करना और पाकिस्तान के मंसूबों को नाकाम करना है।

आर्यन ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कई मौकों पर पाकिस्तान की बदहवासी देखी है। वह प्याले में तूफान लाने की कोशिश करता है। लेकिन यह सामने आ जाता है कि लोकतांत्रिक परंपराएं और धार्मिक सहिष्णुता पाकिस्तान के बस की बात नहीं है। आतंकवाद की इस नर्सरी के कारण सबसे ज्यादा सीमापार आतंकवाद के शिकार के तौर पर हम परिषद को बताना चाहते हैं कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति व मौजूदा एवं पूर्व प्रधानमंत्री यूएन द्वारा घोषित आतंकी संगठनों को समर्थन देते पाए गए हैं।’

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ऐसा देश है, जहां आजादी के बाद से लगातार हिंदू, सिख, ईसाई, शिया, पश्तून, अहमदिया और बलोच जैसे अल्पसंख्यक समुदायों की तादाद कम होती गई है। उन्हें लगातार उत्पीड़न एवं जबरन धर्म परिवर्तन जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है। भारत ने तुर्की को भी अपने आंतरिक मामलों में न बोलने की सलाह दी है। आर्यन ने कहा, ‘मैं तुर्की को सलाह देना चाहता हूं कि भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करे और लोकतांत्रिक मूल्यों की समझ पैदा करे।’

मानवाधिकार प्रमुख को भी नसीहत

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और दिल्ली हिंसा जैसे मसलों पर टिप्पणी को लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार मामलों की प्रमुख को भी नसीहत दी है। भारत ने आधिकारिक बयान में कहा, ‘हम चाहते हैं कि ऑफिस ऑफ यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फॉर ह्यूमन राइट्स (ओएचसीएचआर) किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले यह समझे कि भारत जैसे लोकतंत्र में लोगों की आजादी और मानवाधिकार सुरक्षित हैं।’ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार मामलों की प्रमुख मिशेल बैचलेट ने दिल्ली में हिंसा का जिक्र किया था। उन्होंने सीएए पर भी चिंता जताई थी।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com