दिल्लीः हमले के बाद से भारत के कड़े रुख और दबाव को देखते हुए पाकिस्तान में बैठकों का दौर जारी हो गया है। एक ओर जहां दिल्ली में सरकार पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए उच्चस्तरीय बैठक कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान भी अपने बचा कि तैयारियों में जुट गया है। भले ही नवाज शरीफ ने प्रत्यक्ष रूप से कोई जवाब नहीं दिया है, लेकिन इतना तो पाकिस्तान भी समझ गया कि इस बार भारत सरकार और देश कि जनता का सब्र टूट चुका है।
नवाज शरीफ के बड़े बोल
रावलपिंडी में पाक आर्मी चीफ राहील शरीफ ने कमांडर्स के साथ एक बैठक की और बाहरी सुरक्षा हालातों की समीक्षा भी की। सेना की ओर से जारी बयान के मुताबिक कॉन्फ्रेंस में सेना की ऑपरेशनल तैयारियों का भी जायजा लिया गया।
शरीफ ने मीटिंग में कहा कि पाकिस्तान चुप नहीं बैठेगा। अगर पाक पर आतंकवाद के आरोप लग रहे हैं या उसकी अंदरूनी सुरक्षा पर खतरा हो रहा है तो वो एक्शन लेने के लिए तैयार है। शरीफ ने कहा, उरी में जो भी हुआ उसके बाद हमें भी पाकिस्तान की सुरक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है। हम अपनी सुरक्षा और सेना को ताकतवर बनाने पर जोर दे रहे हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि पाक को अपने किए से इंकार है।
भारत सरकार का जवाब भारत सरकार की ओर से भी बयान जारी कर कहा गया है कि नवाज शरीफ ने एक भी शब्द उरी के लिए नहीं बोले हैं। उन्हें इतने जवानों के मारे जाने पर अफसोस तक नहीं है। बीते दिनों भारतीय सेना ने भी कड़े शब्दों में पाक को चेताया था कि अब वक्त आ गया है। हम चुप नहीं बैठेंगे। अब कहने का नहीं, एक्शन लेने का वक्त है।
जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेक्टर में हमले में भारतीय सेना 18 जवानों के शहीद होने के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आशंका को देखते हुए जनरल शरीफ का यह ताजा बयान आया है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को एक आतंकवादी राष्ट्र करार दिया, जबकि कई वरिष्ठ मंत्रियों ने पाकिस्तान के खिलाफ मुंहतोड़ जवाब की मांग की है।