खालिस्ताानी चरमपंथियों को लेकर पनपे भारत-कनाडा विवाद के बीच एनआईए ने कार्रवाई तेज कर दी है। एनआईए ने भारत में प्रतिबंधित संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के प्रमुख गुरुपतवंत सिंह पन्नू की पंजाब के अलग-अलग शहरों और जगहों पर स्थित संपत्तियों को जब्त कर लिया है और अन्य 19 भगोड़े खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ ऐसी ही कार्रवाई करने की तैयारी में है। इन भगोड़ों की लिस्ट तैयार हो गई है, जिसमें कुल 19 नाम शामिल हैं। अब सरकार इनके आर्थिक स्त्रोत को बंद करने पर काम कर रही है। इस लिस्ट में ऐसे कई लोग शामिल हैं जो विदेश में बैठकर भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं।
एनआईए सूत्रों के मुताबिक ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, दुबई, पाकिस्तान सहित दूसरे देशों में रह रहे भगोड़े खालिस्तानियों की भारत में तमाम संपत्तियां जब्त होंगी। UAPA के सेक्शन 33(5) के तहत ये संपत्तियां जब्त की जाएंगी। इन सभी भगोड़े खालिस्तानियों की भारत स्थित संपत्तियां UAPA के सेक्शन 33(5) के तहत जब्त होंगी। ये खालिस्तानी आतंकी विदेशी धरती से भारत विरोधी प्रोपेगेंडा चला रहे हैं। आपको बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कुछ दिन पहले ही 43 भगोड़ों की एक और लिस्ट जारी की थी।
एनआईए की ताजा जारी हुई सूची में निम्न नाम शामिल हैं…
1.परमजीत सिंह पम्मा- ब्रिटेन
2.वाधवा सिंह बब्बर- पाकिस्तान
3.कुलवंत सिंह मुठड़ा- ब्रिटेन
4.जेएस धालीवाल- अमेरिका
5.सुखपाल सिंह- ब्रिटेन
6.हरप्रीत सिंह उर्फ राना सिंह- अमेरिका
7.सरबजीत सिंह बेनूर- ब्रिटेन
8.कुलवंत सिंह उर्फ कांता- ब्रिटेन
9.हारजप सिंह उर्फ जप्पी सिंह- अमेरिका
10.रणजीत सिंह नीता- पाकिस्तान
11.गुरमीत सिंह उर्फ बग्गा बाबा- कनाडा
12.गुरप्रीत सिंह उर्फ बागी- ब्रिटेन
13.जसमीत सिंह हकीमजादा- दुबई
14.गुरजंत सिंह ढिल्लन- ऑस्ट्रेलिया
15.लखबीर सिंह रोड़े- कनाडा
16.अमरदीप सिंह पूरेवाल- अमेरिका
17.जतिंदर सिंह ग्रेवाल- कनाडा
18.दुपिंदर जीत- ब्रिटेन
19.एस. हिम्मत सिंह- अमरीका
एनआईए ने अमृतसर के गांव खानकोट में गुरुपतवंत सिंह पन्नू की 46 कनाल जमीन जब्त कर ली है। यह एग्रीकल्चर लैंड है। खानकोट पन्नू का पैतृक गांव है। वहीं चंडीगढ़ के सेक्टर 15C में उसका घर भी एनआईए ने जब्त कर लिया है। इससे पहले 2020 में उसकी संपत्तियों को अटैच किया गया था। कानूनी तौर पर अब पन्नू इन संपत्तियों का मालिक नहीं रहा। ये प्रॉपर्टीज अब सरकार की हो गई हैं। भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत पन्नू के संगठन SFJ पर 2019 में बैन लगा दिया था। इससे संबंधित गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया था कि सिख रेफरेंडम की आड़ में सिख फॉर जस्टिस संगठन पंजाब में अलगाववाद और उग्रवाद को बढ़ावा दे रहा है।