भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने गुरुवार को कहा कि भारत अमेरिका के लिए सबसे महत्वपूर्ण देश है और उनका रिश्ता सदी का सबसे निर्णायक रिश्ता है। गार्सेटी ने नई दिल्ली में ग्लोबल एनर्जी अलायंस फॉर पीपल एंड प्लैनेट (जीईएपीपी) द्वारा आयोजित द एनर्जी ट्रांजिशन डायलॉग्स में यह टिप्पणी की। गार्सेटी ने आगे कहा कि उनका मानना है कि अमेरिका-भारत-संबंध इस सदी का सबसे निर्णायक संबंध है।
भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने गुरुवार को कहा कि भारत अमेरिका के लिए सबसे महत्वपूर्ण देश है और उनका रिश्ता सदी का सबसे निर्णायक रिश्ता है। गार्सेटी ने नई दिल्ली में ग्लोबल एनर्जी अलायंस फॉर पीपल एंड प्लैनेट (जीईएपीपी) द्वारा आयोजित द एनर्जी ट्रांजिशन डायलॉग्स में यह टिप्पणी की।
राजदूत ने कहा, “मैं इसे निजी तौर पर कहता था लेकिन अब मैं इसे सार्वजनिक रूप से कह सकता हूं, जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने मुझसे इस पद (भारत में राजदूत के) पर विचार करने को कहा, तो उन्होंने कहा कि भारत मेरे लिए दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण देश है। हालांकि, मैं नहीं मानता कि राष्ट्रपति जो बाइडन के अलावा अबतक किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने कभी ऐसा कहा होगा।”
‘अमेरिका-भारत संबंध इस सदी का सबसे निर्णायक संबंध’
गार्सेटी ने आगे कहा कि उनका मानना है कि अमेरिका-भारत-संबंध इस सदी का सबसे निर्णायक संबंध है। सितंबर में भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन पर उन्होंने कहा कि यह इतिहास में अबतक का सबसे अच्छा शिखर सम्मेलन था।
गार्सेटी ने कहा, “यह रिश्ता सिर्फ अमेरिका और भारत का नहीं है। यह एक घातीय संबंध है। देखिए कि हमने अपने इतिहास के अबतक के सबसे अच्छे जी20 में एक साथ कैसे भाग लिया। बेशक इसका नेतृत्व भारत ने किया और आपके अद्भुत नेतृत्व के लिए धन्यवाद।”
व्यापारिक अवसरों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय और अमेरिकी बाजारों में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश के काफी अवसर हैं। उन्होंने कहा, “दोनों पक्षों की कंपनियां एक-दूसरे के बाजारों में अवसरों से लाभ उठा सकती हैं।”
उन्होंने कहा, “जब जलवायु की बात आती है, तो हम इसके विपरीत अमेरिका में भारतीय कंपनियों के लिए अवसरों की तलाश करते हैं। भारत की पीएलआई सौर विनिर्माण इलेक्ट्रोलाइजर में काम करने वाली कंपनियों को कर लाभ प्रदान करती है। साथ ही दोनों तरफ से व्यापक स्तर पर निवेश करने की आवश्यकता है।”