मुंबई और पठानकोट में हुए आतंकी हमलों के साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार कर उन्हें दंडित करने के बढ़ते दबाव के बीच पाकिस्तान ने दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा का राग अलापा है। भारत और अमेरिका ने हाल ही में आतंकवाद के खिलाफ आयोजित संयुक्त कार्यदल की बैठक में पाकिस्तान से उसकी जमीन पर फल-फूल रहे आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा। पेरिस में अक्टूबर में होने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक से ठीक पहले उठी इस मांग से पाकिस्तान बौखला गया है। एफएटीएफ की बैठक में उसे ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर विचार होगा।

संयुक्त कार्यदल ने कहा, पनाह लिए आतंकियों पर कार्रवाई करे पाकिस्तान
नौ-दस सितंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई भारत-अमेरिका के संयुक्त कार्यदल की बैठक में पाकिस्तान की धरती पर मौजूद आतंकी संगठनों पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने पाकिस्तान से इन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा। जिन संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई उनमें अल कायदा, आइएस, लश्कर ए तैयबा, जैश ए मुहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख हैं। दोनों देशों ने आतंकी साजिश रचने और सीमापार से आतंकी भेजने के प्रयासों की कड़े शब्दों में निंदा की। कहा कि हर तरह के आतंकवाद को रोकने और उसके खात्मे के प्रभावी प्रयास किए जाने की जरूरत है।
दोनों देशों ने पाकिस्तान से अविलंब समयबद्ध कार्यक्रम घोषित कर आतंकी संगठनों के खिलाफ प्रभावी अभियान छेड़ने के लिए कहा है। कहा, पाकिस्तान आतंकी संगठनों से अपनी जमीन का इस्तेमाल रोकने के लिए सख्ती दिखाए। वह मुंबई और पठानकोट हमले के गुनहगार आतंकियों को पकड़े और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई अमल में लाए। इस कार्य में पाकिस्तान की हर तरह की मदद के लिए भारत और अमेरिका तैयार हैं।
बयान पर आपत्ति जताई
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त कार्यदल की बैठक के बाद जारी बयान पर आपत्ति जताई है। कहा है कि बैठक में पाकिस्तान की अनावश्यक रूप से चर्चा की गई और बयान में उसका नाम गैरजरूरी तरीके से शामिल किया गया। पाकिस्तान ने सहयोगी देशों से दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा कायम करने में सहयोग की मांग की है।
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