पुणे। चीन और भारत के बीच सीमा विवाद गहरा गया है। एक ओर जहाॅं चीन तरह तरह से भारत को सीमा क्षेत्र से अपने सैनिक हटाने के लिए दबाव बना रहा है वहीं दूसरी ओर भारत ने इस मसले के समाधान पर गंभीरता से चर्चा की थी।अभी-अभी: वाराणसी पहुंचे सीएम योगी, समर्थकों ने लगाए जय श्रीराम के नारे
इस मामले में भारतीय थल सेना के प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सावित्रीबाई फुले, पुणे विश्वविद्यालय के रक्षा एवं सामरिक अध्ययन विभाग के भू सामरिक स्थिति में भारत की चुनौतियाॅं विषय पर जनरल बीसी जोशी स्मृति व्याख्यान समारोह में भाग लिया।
जिसमें उन्होंने कहा कि चीन भारत से सटी सीमा पर अपनी स्थिति में बदलाव करने के प्रयास में लगा है। उनका कहना था कि ऐसे में गंभीरता से चिंतन की आवश्यकता है।
चीन से विवाद को लेकर बिपिन रावत ने कहा कि एलएसी पर कई तरह के दावे हैं। चीन की सेना के ही साथ फ्लैग मीटिंग के दौरान भारतीय थल सेना ने कहा कि दोनों ही पक्षों को 16 जून से पूर्व विभिन्न स्थान पर गतिरोध होने से पहले ही लौट जाना चाहिए।
हालांकि इस मामले में कोई हल नहीं निकल सका। सेना प्रमुख ने इस मसले को शांति से सुलझाने और इसमें कूटनीति के उपयोग किए जाने की बात कही। उनका कहना था कि भारतीय सेना को अलर्ट पर रहना होगा और हर चुनौती का सामना करने में सक्षम होना होगा।
उन्होंने भारत के सीमावर्ती देशों में चीन की दिलचस्पी और इसके प्रोजेक्टस को लेकर बात की और कहा कि भारत को चीन की पाकिस्तान, मालदीव,श्रीलंका आदि देशों में बढ़ती सक्रियता पर नज़र रखनी होगी।