पिछले पांच दिनों में भारतीय रेलवे ने 70 स्पेशल ट्रेन चलाई हैं जिसके जरिए 80,000 फंसे हुए प्रवासियों, छात्रों और पर्यटकों को उनके घर भेजा गया है। रेलवे के अधिकारी के मुताबिक सोमवार तक 55 स्पेशल ट्रेनों ने एक तरफ का सफर तय कर लिया है और 30 ट्रेन मंगलवार के दिन चलेंगी।

शुरुआत में यह ट्रेन बंगलुरू, सूरत, साबरमती, जालंधर, कोटा और इरनाकुलम से चलेंगी, हर ट्रेन में एक हजार यात्री सफर करेंगे। अधिकारी ने बताया जब तक राज्य की सरकारें रेलवे से मांग करती रहेंगी तब तक ऐसी स्पेशन ट्रेनें चलती रहेंगी।
रेलवे के सूत्रों की माने तो इस वक्त पांच सौ से ज्यादा ट्रेनें चलाई जा सकती हैं। अधिकारियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, बिहार, गुजरात, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से चलने वाली और यहां आने वाली ट्रेन में यात्री के टिकट खरीदने जैसी कोई दिक्कत नहीं है।
रेलवे के अधिकारी की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्यों ने कहा कि वे प्रवासी मजदूरों चाहे वे जा रहे हो या आ रहे हो, के टिकट खरीदेंगे जबकि झारखंड और बिहार ने कहा है कि वे केवल आने वाले यात्रियों का टिकट ही खरीदेंगे।
वहीं आंध्र प्रदेश ने राज्य से बाहर जाने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए टिकट खरीदने की बात कही है। गुजरात और तेलंगाना भी उन प्रवासी मजदूरों का टिकट खरीद कर देंगे जो अपने घर या दुसरे राज्य जा रहे हैं।
रेलवे के अधिकारी ने बताया कि ये सभी राज्य ऐसे हैं जहां से सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर जा रहे हैं और लाए भी जा रहे हैं, ऐसे में इन स्पेशल ट्रेन को चलाना महत्वपूर्ण हो जाता है।
अधिकारी ने कहा कि ऐसे कुछ राज्य हो सकते हैं जो प्रवासी मजदूर के लिए टिकट ना खरीदें या फिर स्वागत करने वाला राज्य भुगतान करने के लिए मना कर दें, ऐसे में उम्मीद है कि समस्या का हल ढूंढ लिया जाएगा।
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