अगर आप नोट के जल्दी खराब या गंदे हो जाने से परेशान हैं तो आपके लिए राहत की खबर है। भारतीय रिजर्व बैंक जल्द ही 100 रुपये के वार्निश वाले नोट जारी करने जा रहा है। रिजर्व बैंक को इसके लिए भारत सरकार से जरुरी मंजूरी भी मिल गई है।
बता दें कि रिजर्व बैंक अभी केवल 100 रुपये के वार्निश नोट ही जारी करेगा। अगर उसका यह प्रयोग सफल रहता है को भविष्य में इसे अन्य नोटों में भी लगाया जाएगा।
वर्तमान में 100 रुपये के नोट की औसत उम्र लगभग ढ़ाई से साढ़े तीन साल होती है। वहीं वार्निश लगे 100 रुपये के नोटों की उम्र सात साल से ज्यादा होगी। हालांकि इससे 100 रुपये को तैयार करने में लगने वाली लागत बढ़ जाएगी।
रिजर्व बैंक हर साल करोड़ो के सड़े गले और फटे नोटों को खत्म करता है। इस प्रक्रिया में भारी भरकम धनराशि खत्म होती है। केंद्रीय बैंक वर्निश वाले नोटों के द्वारा अपने खर्च में कटौती करना चाहता है।
बता दें कि रिजर्व बैंक ने पिछले साल 2018-19 की सालाना रिपोर्ट में वार्निश वाले नोट को जारी करने का एलान किया था। वार्निश नोटों की उम्र लंबी होती है और ऐसे नोट जल्दी गंदे नहीं होते हैं।
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने 100 रुपए के नोटों को लेकर राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया था कि आरबीआई की ओर से शिमला, जयपुर, भुवनेश्वर, मैसूर और कोच्चि में प्रायोगिक परीक्षण के आधार पर 100 रुपए मूल्य के वार्निश लगे बैंक नोटों को जारी करने को मंजूरी दी गई है।
लकड़ी के बने उत्पादों को खराब होने से बचाने के लिए वार्निश का प्रयोग किया जाता है। लकड़ी से बने उत्पादों पर दिखने वाली चमकदार और पारदर्शी लेयर को ही वार्निश कहते हैं। वार्निश के लेयर से नोट गंदे होने से बचेंगे और जल्दी खराब नहीं होंगे।
बैंक नोट को वार्निश करने का चलन 1958 में शुरू किया गया था। सबसले पहले हॉलैंड में पीपीजी पॉलीमाइड से तैयार वार्निश की नोटों पर कोटिंग की गई थी। दुनिया के कई देशों में इस समय नोटों पर वार्निश किया जा रहा है लेकिन भारत में अपने आप में यह पहला प्रयोग है।
वार्निश वाले नोटों की छपाई करने पर रिजर्व बैंक को वर्तमान लागत से लगभग 20 फीसदी ज्यादा व्यय करना पड़ेगा। वर्तमान में सौ रुपये के एक हजार नोट की छपाई में करीब 1570 रुपये खर्च होता है।