हिसार से लोकसभा प्रत्याशी रणजीत सिंह ने कहा कि बाहर जो इक्का-दुक्का लोग किसान बनकर विरोध कर रहे हैं, वह किसान नहीं है बल्कि पेड आदमी हैं। इनको विरोध करने के लिए भेजा जाता है। किसानों का एक्ट वापस हो गया, आंदोलन खत्म हो गया, अब विरोध किस चीज का है।
सिरसा के रानियां शहर के भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक लेने निजी रिसोर्ट में आए भाजपा प्रत्याशी रणजीत सिंह व अशोक तंवर से किसान सवाल पूछने पहुंच गए। दोनों नेताओं के न मिलने पर किसानों ने विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान उनकी पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई।
राष्ट्रीय किसान मंच, भारतीय किसान यूनियन चढूनी और दूसरे संगठनों से जुड़े दर्जनों लोग गोबिंदपुरा के समीप स्थित गुरुद्वारा के सामने एकत्रित हो गए। यहां पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया किया कि दोनों नेता यहां रुककर आपकी बात सुनेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नेता रास्ता बदल कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए। इसके बाद किसान वहां से रिसार्ट की ओर चल पड़े। रास्ते में पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस व किसानों के बीच धक्का-मुक्की हुई।
विरोध करने वाले किसान नहीं, बल्कि पेड आदमी हैं : रणजीत
गाबा रिसोर्ट में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए रणजीत सिंह ने कहा कि बाहर जो इक्का-दुक्का लोग किसान बनकर विरोध कर रहे हैं, वह किसान नहीं है बल्कि पेड आदमी हैं। इनको विरोध करने के लिए भेजा जाता है। किसानों का एक्ट वापस हो गया, आंदोलन खत्म हो गया, अब विरोध किस चीज का है। यह लोग जो किसान नेता बनकर फिर रहे हैं, यह पंजाब में चुनाव में खड़े हुए थे। इनको चार-चार हजार वोट ही आए थे। इनकी सारी कहानी खत्म हो गई है।
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