नरसिंह प्रकटोत्सव के अवसर पर इंदौर के नरसिंह मंदिर में 250 साल में पहली बार लॉकडाउन की वजह से शोभायात्रा नहीं निकली। हर वर्ष आज के दिन मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ यहा उमड़ पड़ती थी।
लेकिन इस बार सब खाली है। मंदिर समिति के लोग मिलकर यहां भगवान नरसिंह की महाआरती की। शहर के अन्य मंदिरों में भी सामान्य तरीके से नरसिंह जयंती मनाई जा रही है। कोरोना के चलते सभी सार्वजनिक कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं।
भगवान नरसिंह के खंभ फाड़कर प्रकट होने के उत्सव को भक्तों ने घरों में ही मनाया। इंदौर के नरसिंह मंदिर के पुजारी पंडित छोटेलाल शर्मा ने बताया कि 250 वर्ष से मंदिर से निकलने वाली शोभायात्रा आज नहीं निकली। मंदिर में लक्ष्मी-नरसिंह का अभिषेक और आरती सुबह 9:30 बजे हुई। इसके बाद दोपहर में नरसिंह चरित्र उद्बोधन और उत्सव आरती हुई।
पंडित शर्मा ने कहा कि भगवान विष्णु के प्रमुख अवतारों में से एक नरसिंह हैं। नरसिंह जयंती वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। भगवान शक्ति और पराक्रम के देवता हैं।
पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान ने नरसिंह का अवतार लेकर दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यप का वध किया था। यह अवतार उन्होंने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए लिया था।