बुधवार का दिन भगवान श्री गणेश की आराधना का दिन होता है। भगवान को यह दिन विशेष प्रिय होता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान की विशेष आराधना करने से सभी अभिष्ठ की सिद्धि होती है। बुधवार के दिन भगवान श्री गणेश के मंदिरों में तांता लगा रहता है। ऐसे ही कुछ जागृत मंदिर इस धरती पर प्रतिष्ठापित हैं। ऐसे ही मंदिरों में प्रमुख है। उज्जैन का श्री चिंतामन गणेश मंदिर। कहा जाता है कि यहां भगवान की स्वंभू मूर्ति प्रतिष्ठापित है। दरअसल यहां भगवान श्री गणेश के तीन स्वरूपों में दर्शन होते हैं।
एक ओर जहां मूर्ति में इच्छामन प्रतिष्ठापित हैं वहीं चिंतामन और सिद्धि विनायक के दर्शन मिलते हैं। दरअसल यह मंदिर अति प्राचीन है। कहा जाता है कि यहां भगवान श्री राम और माता सीता भगवान श्री लक्ष्मण के साथ पधारे थे। तब माता को प्यास लगी थी तो भगवान लक्ष्मण ने अपना बाण चलाकर यहां से जलधारा प्रस्फुटित की थी। जिसके बाद यहां एक बावड़ी निर्मित हो गई इस बावड़ी को लक्ष्मण झूला कहा जाता है। माना जाता है कि इस मंदिर में आने वाली की हर मुराद पूरी होती है। यहां चतुर्थी, तिल चतुर्थी, और गणेशोत्सव के दौरान श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।
यही नहीं यहां आकर मंदिर की दीवार पर उल्टा स्वस्तिक मांडने वाले श्रद्धालु का जल्द विवाह होता है। तो दूसरी ओर यहां मनोकामना पूरी करने के लिए श्रद्धालु कलेवा बांधते हैं। विवाह हो या अन्य कोई मांगलिक कार्य सबसे पहले यहीं पर श्रद्धालु निमंत्रण देकर भगवान को बुलाते हैं और उनका कार्य बिना विघ्न के अच्छे से संपन्न होता है।