डिफेंस रिसर्च एंड डेवलेपरमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने आज स्वदेशी रूप से विकसित स्क्रैमजेट प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग कर हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमोनट्रेटर वाहन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया.
यह जानकारी खुद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दी. उन्होंने कहा कि इस सफलता के बाद अब अगले चरण की प्रगति शुरू हो गई है.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘मैं डीआरडीओ को इस कामयाबी के लिए शुक्रिया अदा करना चाहूंगा, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन को आगे बढ़ाया. मैंने परियोजना से जुड़े वैज्ञानिकों से बात की और उन्हें इस महान उपलब्धि पर बधाई दी. भारत को उन पर गर्व है.’
आज हाइपरसोनिक टेक्नॉलजी डेमोनस्ट्रेटर वाहन का सफल परीक्षण किया. इससे पहले जून 2019 में इसका पहला परीक्षण किया गया था.
इसका इस्तेमाल हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल बनाने और काफी कम खर्चे में सैटेलाइट लॉन्चिंग में की जाएगी. साथ ही हाइपरसोनिक और लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलों के लिए यान के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा.
हाइपरसोनिक टेक्नॉलजी डेमोनस्ट्रेटर वाहन, हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली विकसित करने संबंधी देश के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का अहम हिस्सा है.
भारत उन चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल हो गया है, जिनके पास यह तकनीकी है. अमेरिका, रूस, और चीन के बाद भारत चौथा ऐसा देश है, जिसने इस तकनीक को विकसित किया है.