बजट की कमी से पुलिस विभाग में 25 हजार होमगार्डों की ड्यूटी खत्म करने के निर्णय से हुई किरकिरी के बाद राज्य सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है। विधानसभा उपचुनाव से पहले होमगार्ड स्वयंसेवकों के वोट बैंक को मैनेज करने के लिए कसरत शुरू हो गई। शुक्रवार को आखिरकार होमगार्ड्स मंत्री चेतन चौहान ने गृह, पुलिस व अन्य संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की।
मंत्री चौहान का कहना है कि पुलिस को होमगार्डों की आवश्यकता है। बजट की कमी को दूर कर होमगार्डों की सेवाएं बरकरार रखने के प्रयास किये जा रहे हैं। वित्त विभाग से पुलिस विभाग को और धन दिलाये जाने की प्रक्रिया चल रही है।
करीब 12.5 हजार होमगार्ड अब भी थानों पर कानून-व्यवस्था की ड्यूटी कर रहे हैं, उन्हें स्थानीय प्रशासन के स्तर से हटाया नहीं गया है। बैठक में यह भी कहा गया कि 12 नवंबर को गंगा स्नान के मौके पर लगने वाले मेलों में भी होमगार्ड जवानों की जरूरत पड़ेगी। बैठक के बिंदुओं से जल्द मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत कराया जाएगा।
मंत्री ने यह संकेत भी दिया कि गृह विभाग के पास कुछ बजट है, जिसे पुलिस विभाग को दिये जाने का सुझाव भी आया है। इसे देखते हुए माना जा रहा है कि होमगार्डों की पुलिस में ड्यूटी बरकरार रखने का निर्णय ले लिया गया है। हालांकि मंत्री चौहान का कहना है कि इस बाबत अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री लेंगे।
चौहान ने बताया कि गृह विभाग ने 25 हजार होमगार्डों को एक वर्ष के लिए पुलिस थानों में ड्यूटी के लिए लिया था, वित्त विभाग ने पुलिस विभाग को कुछ कम बजट आवंटित किया था। यही वजह थी कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में होमगार्डों की पुलिस ड्यूटी खत्म करने का निर्णय लिया गया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर होमगार्ड जवानों का दैनिक भत्ता 672 रुपये प्रतिदिन किये जाने के बाद पुलिस विभाग ने उनकी ड्यूटी समाप्त करने का निर्णय लिया था। मंत्री ने साफ किया कि इससे कोई होमगार्ड बेरोजगार नहीं होगा। होमगार्ड जवानों की ड्यूटियां कम होने की बात है। दीपावली का त्योहार नजदीक है, इसलिए यह प्रयास किया जा रहा है कि उनकी ड्यूटियां कम न हों।