राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच आज नॉर्थ ईस्ट की राजनीति के लिहाज से भी बड़ा दिन है. मणिपुर विधानसभा में आज विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है. ये फ्लोर टेस्ट ही बीजेपी की गठबंधन सरकार का भविष्य तय करेगा.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बीते शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया था. सीएम बीरेन सिंह ने ये कदम तब उठाया था जब विपक्षी कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई.
दरअसल, मणिपुर में लंबे समय से राजनीतिक खींचतान चल रही है. कुछ विधायक और मंत्री बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार से बगावत कर गए थे. लेकिन इस घटना ने राज्य की राजनीति को बड़ा तूल दे दिया.
इसके अलावा ड्रग केस में बीजेपी नेता का नाम आने पर भी राजनीतिक बवाल मच गया. विपक्षी कांग्रेस भी एक्टिव हो गई और 28 जुलाई को विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई.
कांग्रेस का आरोप है कि हाई प्रोफाइल ड्रग केस की जांच सीबीआई को सौंपने की विपक्ष की मांग सरकार ने नहीं मानी क्योंकि इसमें बीजेपी नेता का नाम आ रहा है.
आज विधानसभा में विश्वास मत पर वोटिंग होनी है. इसके मद्देनजर कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को व्हिप जारी किया है. व्हिप में सभी सदस्यों से सुबह 11 बजे से सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है.
बता दें कि हाल ही में जब राज्यसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस के कुछ विधायकों ने बीजेपी समर्थित उम्मीदवार के पक्ष में वोटिंग की थी. इस घटना के बाद पार्टी की तरफ से विधायकों को कारण बताओ नोटिस भी भेजे गए थे.
जिन दो विधायकों (इमो सिंह और ओकराम हेनरी सिंह) को ये नोटिस भेजे गए थे उन्होंने पार्टी को भेजे गए अपने जवाब में कहा है कि बीजेपी उम्मीदवार ज्यादा हकदार था, इसलिए उनके पक्ष में वोटिंग थी.
इन विधायकों ने अपने जवाब में कहा है कि वो कांग्रेस पार्टी के साथ हैं. अब जबकि विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग का मौका है तो कांग्रेस ने बाकी विधायकों के साथ इन दोनों विधायकों को भी व्हिप जारी कर पार्टी दिशा-निर्देशों के हिसाब से वोटिंग करने के लिए कहा है.
60 सदस्यों वाली मणिपुर विधानसभा की मौजूदा संख्या स्पीकर समेत 53 है. ऐसा इसलिए है क्योंकि 4 विधायकों को दल बदल कानून के तहत अयोग्य करार दिया गया है जबकि तीन विधायकों ने इस्तीफे दे दिए हैं.
कांग्रेस के पास फिलहाल 24 विधायक हैं जबकि सत्ताधारी बीजेपी गठबंधन के पास 29 विधायक हैं. इनमें 18 विधायक बीजेपी, 4 एनपीपी और 4 एनपीएफ के हैं जबकि एक विधायक टीएमसी, एक लोक जनशक्ति पार्टी और एक निर्दलीय विधायक है.