बैंक का हर ग्राहक कुछ फायदों का हकदार है। जिसकी जानकारी अधिकतर लोगों को नहीं होती। आइए जानते हैं…आरबीआई की ओर से गठित बैंकिंग कोड्स एंड स्टैन्डर्ड्स बोर्ड ऑफ इंडिया (बीसीएसबीआई) ने बैंक ग्राहकों को इन 10 फायदों का हकदार बनाया है। देहरादून बैंक एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य जगमोहन मेंदीरत्ता ने बताया कि ज्यादातर बैंक खाता धारकों को अपने इन अधिकारों की जानकारी नहीं होती। जिस कारण वह कई सारी सुविधाओं से वंचित हो जाते हैं।
बेसिक या छोटा खाता हर व्यक्ति का अधिकार है। एक फोटो और बैंक के खाता खोलने के फार्म पर हस्ताक्षर करके या अंगूठा लगाकर इसे खोला जा सकता है। इस खाते में लेन-देन की सीमा है।
बैंकों को डिपॉजिट खातों की विशेष शर्तों की जानकारी ग्राहकों को खाता खोलने के समय देनी होती है। अगर बैंक ऐसा नहीं कर रहे हैं तो आप शिकायत कर सकते हैं।
बेसिक खाते में अगर राशि शून्य हो गई है तो भी बैंक आपका खाता बंद नहीं कर सकते हैं। साथ ही मिनिमम अमाउंट के नाम पर किसी तरह का जुर्माना लगाने का अधिकार भी उनके पास नहीं है।
बैंक के खाते को दोबारा चालू कराने के लिए बैंक आपसे कोई फीस नहीं ले सकता है। अगर आपको कहीं से फटा या पुराना नोट मिल गया है तो आप बैंक की किसी भी शाखा में जाकर अपने फटे/पुराने नोट बदल सकते हैं।
अगर आप बैंक की किसी सेवा से संतुष्ट नहीं है, तो आप बैंक के शाखा अधिकारी या टॉल फ्री नम्बर पर इसकी शिकायत कर सकते हैं। साथ ही अगर कोई कर्मचारी आपसे अभद्रता करता है तो इसकी शिकायत भी की जा सकती है।
बुज़ुर्ग/विकलांग लोगों को एक ही खिड़की (जगह) पर सारी सुविधायें देना बैंकों के लिये ज़रूरी है। कोई भी व्यक्ति किसी भी बैंक से नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर से 50,000 रुपए तक रकम किसी अन्य बैंक खाते में जमा करा सकता है।
चेक कलेक्शन में बैंक की तरफ से निर्धारित समय से ज्यादा वक्त लगने पर ग्राहकों को मुआवजा पाने का अधिकार है। मुआवजे की रकम साधारण ब्याज दर के हिसाब से चुकाई जाएगी। किसी ग्राहक ने बैंक से लोन लिया है, जिसके लिए सिक्योरिटी दी है तो इस मामले में पूरी देनदारी चुकाए जाने के 15 दिन के भीतर सिक्योरिटी वापस मिलनी चाहिए।