पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या का केस एक बार फिर से खुलने की तैयारी में है. अमेरिका एक ऐसी खुफिया रिपोर्ट जारी करने वाला है, जिससे सऊदी अरब से उसके रिश्ते बिगड़ सकते हैं. साल 2018 में पत्रकार खशोगी की हत्या हो गई थी. कहा जा रहा है कि इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यह हत्या क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान कहने पर कराई गई थी. जो बाइडेन प्रशासन अगले हफ्ते इस खुफिया रिपोर्ट को जारी कर सकता है.
वॉशिंगटन पोस्ट की एक खबर के मुताबिक नेशनल इंटेलिजेंस निदेशक ऑफिस ने यह रिपोर्ट तैयार की है. इसे अगले हफ्ते सार्वजनिक करने की बात कही जा रही है. व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी जेन पास्की ने इस संबंध में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि उन्हें टाइमिंग को लेकर कोई जानकारी नहीं है. खशोगी वॉशिंगटन पोस्ट के लिए लेख लिखा करते थे, जिनमें वह सरकार की आलोचना भी किया करते थे. 2018 में जब इस्तांबुल में सऊदी दूतावास में जरूरी कागज लेने गए थे, तो उन्हें नशीला पदार्थ देने के बार मार दिया गया था.
सऊदी के साथ संबंधों को लेकर जो बाइडेन भी अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं कि इसमें कोई बदलाव नहीं होगा. यहां क्राउन प्रिंस को देश का शासक माना जाता है, लेकिन अमेरिका सिर्फ समकक्षों से बातचीत के पक्ष में है. बाइडेन प्रशासन ने भी कहा है कि राष्ट्रपति बाइडेन मोहम्मद बिन सलमान से नहीं बल्कि उनके पिता व शासक सलमान बिन अब्दुलजीज से बात करेंगे.
डोनाल्ड ट्रंप ने यमन में हूती विद्रोहियों को वैश्विक आतंकवादी करार दिया था और उन पर तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए थे. मगर बाइडेन प्रशासन ने आते ही इस फैसले को पलट दिया. जो बाइडेन का मानना है कि ऐसा करने से लाखों लोगों को मदद पहुंचाना मुश्किल हो जाएगा. साथ ही अमेरिका ने सऊदी को समर्थन देना भी बंद कर दिया था. खशोगी की हत्या के पीछे अमेरिका सऊदी का हाथ मानता आया है. 2019 में अमेरिकी कांग्रेस ने एक प्रस्ताव भी पारित किया था, जिसके तहत सऊदी के एक अधिकारी को दोषी पाया गया था.