उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में पंचायत चुनाव से पहले निर्धारित समय सीमा पूरी कर चुके पुलिस कर्मियों को दूसरे जनपदों के लिए तबादला कर दिया गया है। करीब तीन सौ से ज्यादा अराजपत्रित पुलिस कर्मी इस जद में आए हैं।
आइजी रेंज एके राय का कहना है कि रेंज स्तर पर इसकी सूची जारी कर दी गई है। उसमें रेंज के भीतर चार इंस्पेक्टर, 59 एसआई, 205 हेड कांस्टेबल (दीवान) और शेष आरक्षी शामिल हैं।
आदर्श चुनाव आचार संहिता लगने से पहले निर्वाचन आयोग ने एक जनपद में तैनाती की निर्धारित समय सीमा पूरी कर चुके अराजपत्रित पुलिस कर्मियों को दूसरे जनपद भेजने का निर्देश दिया है।
उसी क्रम में बस्ती परिक्षेत्र के जिले के अलावा संतकबीरनगर व सिद्धार्थनगर में तैनात पुलिस कर्मियों में से इस श्रेणी में आने वाले कर्मियों का दूसरे जिले में तबादला किया जा रहा है।
पुलिस मैनुअल के मुताबिक, अराजपत्रित पुलिसकर्मियों यानी निरीक्षक, उप निरीक्षक, दीवान तथा आरक्षी का जिले में तैनाती के लिए अलग-अलग समय सीमा तय है। आरक्षी के लिए एक जिले में अधिकतम 15 वर्ष, दीवान 10 वर्ष, उप निरीक्षक छह वर्ष और इंस्पेक्टर को एक जिले में तीन वर्ष का कार्यकाल निर्धारित है। आईजी का कहना है कि इसमें पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है।
तबादले में दूसरे जिले को रवाना होने वालों में सबसे बड़ी तादाद उन पुलिस कर्मियों की है, जिन्हें हाल में ही तरक्की मिली है। यही वजह है कि सिपाही से दीवान बने दो सौ से ज्यादा पुलिस कर्मियों के तबादले हुए हैं। कार्यकाल की सीमा 15 वर्ष से घटकर 10 वर्ष होने की वजह से उन्हें दूसरे जिलों में भेजा गया है। यही हाल दीवान से एसआई बने पुलिस कर्मियों का भी है। उन्हें भी तरक्की मिलते ही उनकी 10 वर्ष की समय सीमा छह वर्ष पर आ गई और उनका भी तबादला कर दिया गया।