जापान में जन्म दर को बढ़ाने के लिए सरकार ने एक अनोखा कदम उठाया है। सरकार ने शादी करने वाले जोड़ों को छह लाख येन यानि कि करीब सवा चार लाख रुपये देने का एलान किया है। सरकार के इस फैसले के पीछे की मंशा अपने देश तेजी से गिरती जन्म दर को रोकना है और शादी करने वाले जोड़ों को बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करना है।

पिछले साल जापान में ऐतिहासिक रुप से सबसे कम 8,65,000 बच्चों ने जन्म लिया था और एक साल में जन्म की तुलना में मौत का आंकड़ा पांच लाख 12 हजार ज्यादा रहा। जन्म और मृत्यु के आंकड़े में अंतर अब तक सबसे ज्यादा है। जापान की आबादी 12.68 करोड़ है।
जनसंख्या के मुताबिक जापान दुनिया का सबसे बुजुर्ग देश है, यहां 100 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संंख्या भी ज्यादा है।
लैंसेट की ओर से जारी की गई हालिया रिपोर्ट के मुताबिक अगर जापान में जन्म दर की स्थिति यही रही तो 2040 तक बुजुर्गों की आबादी 35 फीसदी से ज्यादा हो जाएगी।
इसी अंतर को खत्म करने के लिए जापान की सरकार ने यह फैसला लिया है, इसके लिए सरकार ने कुछ शर्तें भी रखी हैं, जिसके तहत ही कोई जोड़ा इस राशि के लिए योग्य हो सकता है। इस योजना का हिस्सा बनने के लिए जोड़े की आयु 40 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए और दोनों की संयुक्त कमाई 38 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
इसके अलावा अगर किसी युवक जोड़े की आयु 35 साल से कम होगी तो उसकी आवक 33 लाख रुपये से ज्यादा ना हो। जापान के अलावा और भी कई देश हैं, जहां बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहन के तौर पर राशि दी जाती है। जापान के बाद इटली में भी तेजी से जन्म दर गिर रही है।
इटली में हर जोड़े को एक बच्चा करने पर 70,000 रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा यूरोपीय देश एस्तोनिया में जन्म दर बढ़ाने के लिए नौकरीपेशा को डेढ़ साल तक पूरे वेतन के साथ छुट्टी दी जाती है। इसके अलावा तीन बच्चे वाले परिवार को हर महीने 25,000 रुपये का बोेनस मिलता है।
वहीं ईरान में सभी अस्पतालों और मेडिकल केंद्रों में पुरुषों की ओर से नसबंदी कराने पर पाबंदी है। ईरान में गर्भनिरोधक दवाएं भी उन्हीं महिलाओं को दी जाती है, जिनको वास्तव में जरूरत होती है। ईरान में ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले परिवार को अतिरिक्त राशन दिया जाता है।
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