कोरोना वायरस महामारी का कहर भारत में तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस बीच संसद में मानसून सत्र भी चल रहा है, जहां अब तक कई महत्वपूर्ण बिल पेश किए जा चुके हैं। कोरोना संकट के बीच जारी संसद सत्र पर अब कोरोना का साया पड़ सकता है। समाचार एजेंसी रायटर्स ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि कोरोना के चलते संसद के सत्र की अवधि को एक हफ्ते कम किया जा सकता है। इसका मतलब हुआ कि इस बार संसद का मानसून सत्र एक हफ्ते पहले समाप्त किया जा सकता है।

संसद से जुड़े दो अधिकारियों ने समाचार एजेंसी रायटर्स को बताया कि करीब 30 लॉ मेकर्स के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद संसद के मानसून सत्र की अवधि को घटाया जा सकता है। इस बीच गौर करने वाली बात ये भी है कि देश में कोरोना वायरस का आंकड़ा 53 लाख को पार कर गया है।
कोरोना वायरस महामारी के कारण बीते 6 महीने में पहली बार संसद का सत्र चल रहा है। संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से चल रहा है जो एक अक्टूबर को खत्म होना है। लेकिन संसद के अधिकारियों के मुताबिक मानसून सत्र को एक हफ्ते खत्म किया जा सकता है।
संसद की कार्यवाही के कामकाज से जुड़े दो अधिकारियों में से एक ने कहा कि मानसून सत्र की शुरुआत के बाद से ही कोरोना पॉजिटिव मामले आए हैं इसलिए सरकार सोच रही है कि सत्र को छोटा किया जाए। एहतियात के तौर पर सरकार ने शनिवार से ही संसद की कवरेज करने वाले मीडियाकर्मियों की रोज जांच करने का फैसला किया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में रिकॉर्ड 95,880 कोरोना वायरस मरीज ठीक हो गए हैं। जबकि 93,337 नए मामले दर्ज किए गए हैं, इसी के साथ कुल मामलों की संख्या 53 लाख हो गई है।
देश में 42 लाख से अधिक लोग अब तक COVID-19 से उबर चुके हैं। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत की वसूली दर अब 79.28 प्रतिशत है, जोकि दुनिया में सबसे अधिक है।
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