विपक्ष रोजगार के मुद्दे पर लगातार सरकार को घेरते रही है. तमाम रिपोर्ट में भी इस दावे की पुष्टि की गई है कि पिछले कुछ समय से रोजगार के अवसर घटे हैं. लाखों लोग बेरोजगार हुए हैं. आर्थिक जानकारों का भी मानना है कि रोजगार पैदा किए बगैर अर्थव्यवस्था को सही गति नहीं मिलेगी. इसलिए, सरकार की पहली कोशिश ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देने की होनी चाहिए. ESIC की तरफ से जो आंकड़े जारी किए गए हैं, उसके मुताबिक रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा हो रहे हैं.

ESIC के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल अप्रैल में 10.88 लाख रोजगार सृजित हुए. यह पिछले साल इसी महीने में हुये 10.77 लाख रोजगार सृजन के मुकाबले थोड़ा अधिक है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने सितंबर 2017 से अप्रैल 2019 के रोजगार परिदृश्य के बारे में रिपोर्ट जारी की है. यह रिपोर्ट कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अलावा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) तथा पेंशन कोष नियामकीय एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा संचालित एनपीएस (नई पेंशन योजना) के आंकड़ों के आधार पर जारी की गयी है.
इसके अनुसार कुल मिलाकर 2018-19 में 1.49 करोड़ नये लोगों का पंजीकरण हुआ. इसका मतलब है कि वित्त वर्ष के दौरान इतने रोजगार सृजित हुए. सितंबर 2017 से मार्च 2018 के दौरान कुल 83.31 लाख नये अंशधारक ईएसआई योजना से जुड़े. ईएसआईसी कर्मचारियों के लिये स्वास्थ्य बीमा चलाता है. इसी प्रकार, ईपीएफओ के रोजगार के आंकड़े के अनुसार शुद्ध रूप से अप्रैल 2019 में 10.43 लाख रोजगार सृजित हुए. आंकड़े के अनुसार ईपीएफओ द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत 2018-19 में शुद्ध रूप से 61.12 लाख लोग पंजीकृत हुए. वहीं सितंबर 2017 से मार्च 2018 के दौरान 15.52 लाख नये अंशधारक जुड़े.
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