दुनियाभर में वैज्ञानिक कोरोना वायरस वैक्सीन को तैयार करने के लिए दिन-रात जुटे हुए हैं। इसी बीच वैक्सीन को लेकर एक बुरी खबर आई है। दरअसल, कोरोना वायरस वैक्सीन को तैयार करने में जुटी अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने वैक्सीन परीक्षण पर रोक लगा दी है। कंपनी ने कहा कि परीक्षण में शामिल एक प्रतिभागी को किसी तरह की बीमारी हो गई है, जिसे देखते हुए अस्थायी रूप से परीक्षण पर रोक लगाई गई है।
न्यू जर्सी स्थित इस कंपनी के प्रवक्ता जैक सार्जेंट ने स्वास्थ्य देखभाल समाचार प्रदाता स्टैट द्वारा जारी की गई रिपोर्ट की पुष्टि की गई, जिसमें कहा गया कि जॉनसन एंड जॉनसन ने परीक्षण पर रोक लगा दी है।
इस महीने की शुरुआत में, जॉनसन एंड जॉनसन अमेरिका में वैक्सीन तैयार करने वाली उन कंपनियों की सूची में शामिल हुआ, जो प्रायोगिक कोरोना वैक्सीन परीक्षण से आगे बढ़ते हुए मानव परीक्षण चरण में पहुंचा। जॉनसन एंड जॉनसन की एडी26-सीओवी2-एस वैक्सीन अमेरिका में चौथी ऐसी वैक्सीन है, जो क्लिनिकल ट्रायल के अंतिम चरण में है।
इससे पहले, एस्ट्राजेनेका ने भी कोरोना वैक्सीन के परीक्षण पर रोक लगा दी थी। परीक्षण के दौरान एक प्रतिभागी बीमार पड़ गया था, जिसके बाद कंपनी ने परीक्षण को रोक दिया। हालांकि, एस्ट्राजेनेका का कोरोना वैक्सीन परीक्षण दुनिया के कई देशों में जारी है, इसे केवल अमेरिका में ही रोका गया है।
वहीं, भारत की देसी कोरोना वैक्सीन (COVAXIN), जिसे भारत बायोटेक कंपनी आईसीएमआर के सहयोग से बना रही है, वह सफलता के करीब पहुंच गई है। खबरों के मुताबिक, ‘COVAXIN’ के अंतिम चरण का ट्रायल जल्द ही शुरू हो सकता है।
भारत बायोटेक कंपनी ने ‘COVAXIN’ के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए भारतीय दवा नियामक ‘ड्रग कंट्रोलर जनरल’ से मंजूरी मांगी है। डीसीजीआई (DCGI) ने कंपनी से दूसरे चरण के ट्रायल के डाटा की मांग की है, ताकि परिणाम की समीक्षा करने के बाद तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी दी जा सके। भारत बायोटेक ने हाल ही में इसके लिए आवेदन किया है।
अधिकारियों के मुताबिक, हैदराबाद की भारत बायोटेक कंपनी ने बीते दो अक्तूूबर को डीसीजीआई को आवेदन देकर अपने टीके के तीसरे चरण के लिए परीक्षण की अनुमति मांगी है। कंपनी के आवेदन के मुताबिक, अंतिम चरण के इस ट्रायल में 18 साल या उससे अधिक उम्र के 28,500 लोगों को शामिल किए जाने का प्रस्ताव है।