कोरोना, लॉकडाउन और तमाम तरह की पाबंदियों के बावजूद बीसीसीआई ने आईपीएल के 13वें सीजन का सफल आयोजन किया। देश में कोरोना के खतरे को देखते हुए बीसीसीआई ने बड़ा फैसला करते हुए इसे यूएई में खाली स्टेडियमों में कराने का निर्णय लिया था। मार्च-अप्रैल के अपने तय समय पर नहीं होने के बाद आईपीएल के आयोजन पर खतरा मंडराने लगा था और सभी को इसके रद्द होने की आशंका थी।
तमाम दिक्कतों और अटकलों को दरकार करते हुए सौरव गांगुली की अध्यक्षता वाली बीसीसीआई ने इसे संयुक्त अरब अमीरात की मेजबानी में करवाने का कठिन फैसला किया। अब बीसीसीआई को इस चुनौतीपूर्ण फैसले का इनाम भी मिला है। टीम को यूएई में हुए इस आयोजन से मोटी कमाई हुई है। बोर्ड ने जहां 4000 करोड़ रुपये की कमाई की है तो वहीं व्यूअरशिप में भी 23 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हुई है।
बीसीसीआइ के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने एक इंटरव्यू में आइपीएल 2020 की सफलता के बारे में बात करते हुए महामारी के दौरान बीसीसीआइ द्वारा अर्जित राशि का खुलासा किया। धूमल ने बताया, ‘बोर्ड पिछले आइपीएल की तुलना में लागत का लगभग 35 प्रतिशत कटौती करने में कामयाब रहा। हमने महामारी के दौरान 4000 करोड़ रुपये कमाए। हमारी टीवी दर्शकों की संख्या लगभग 25 प्रतिशत अधिक हो गई है, हमें सबसे ज्यादा दर्शकों की संख्या (मुंबई इंडियंस बनाम चेन्नई सुपर किंग्स) मैच में मिली है। जिन लोगों ने हम पर संदेह किया, उन्होंने आइपीएल की मेजबानी के लिए हमें धन्यवाद दिया। अगर यह आइपीएल नहीं होता, तो क्रिकेटरों को एक साल का नुकसान होता।’
बीसीसीआई के एक अधिकारी के मुताबिक बोर्ड ने आईपीएल के दौरान 30 हजार से अधिक कोरोना वायरस के टेस्ट आयोजित कराए थे। 1500 से अधिक लोग आइपीएल के सुचारू संचालन में शामिल थे और इसलिए संख्या एक आश्चर्य के रूप में नहीं आती है। शुरुआत में जब चेन्नई सुपर किंग्स के दो खिलाड़ियों और खुद बीसीसीआई की मेडिकल टीम के सदस्य को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था तो लग रहा था कि इस टूर्नामेंट पर संकट के बादल हैं, लेकिन इसके बाद एक भी मामला सामने नहीं आया था।