उत्तर प्रदेश में पांचवीं और आठवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे छात्रों को अब बोर्ड परीक्षा (Board Exams) देनी होगी। इसका एलान गुरुवार को विधान परिषद में कर दिया गया है।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी (Dr. Satish Chandra Dwivedi) ने विधान परिषद में इसकी जानकारी दी है। पहले पांचवीं और आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र बोर्ड परीक्षा देते थे लेकिन यूपीए सरकार ने इसे बंद कर दिया था और अब छात्रों को फिर से बोर्ड परीक्षाएं देनी होंगी।
विधान मंडल के विशेष सत्र में राज्यमंत्री ने कहा कि प्राइमरी स्कूलों (Primary Schools) के बच्चों में कॉम्पटीशन बढ़ाने के लिए फिर से बोर्ड की परीक्षाएं शुरू कराई जा रही हैं। प्राइमरी स्कूलों (पहली से आठवीं तक) को लेकर आमतौर पर लोगों में धारणा है कि वहां पढ़ाई की गुणवत्ता अच्छी नहीं है। इसी धारणा को बदलने के लिए राज्य सरकार यह कदम उठाने जा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि प्राइमरी स्कूलों के साथ जुड़ी मजबूर अभिभावकों की पसंद के स्कूल की अवधारणा को बदला जाए और उन्हें स्वभाविक पसंद के स्कूल के तौर पर प्रतिष्ठित किया जाए। मंत्री ने आगे यह भी कहा कि सरकार जल्द ही नीति बनाकर प्राइमरी स्कूलों का स्थानांतरण करने जा रही है।
शिक्षकों को भी पसंद के आधार पर मिलेगी तैनाती
इस सबके बीच उन्होंने शिक्षकों को भी राहत देने की कोशिश की है। उन्होंने विधान मंडल में कहा कि दूर के जिलों में नौकरी कर रहे शिक्षकों को भी उनकी पसंद के आधार पर पोस्टिंग देने की कोशिशि की जाएगी। सेना और अर्द्धसैनिक बलों (Armed Forces) में नौकरी कर रहे जवानों की पत्नियों को भी उनकी पसंद के स्थान पर तैनाती दी जाएगी।
ताकि सैनिकों के परिवारों को भी आराम मिले। इस दौरान यह भी घोषणा की गई कि पुरुष शिक्षकों के तबादले अब तीन साल पर और महिला शिक्षकों के तबादले एक साल पर किए जाएंगे।