बॉर्डर खुलने से उद्योगों को राहत: दो दिन में बचे 110 करोड़, माल की निकासी बढ़ी

खनौरी पंजाब का ट्रेड कॉरिडोर है और इसके खुलने से व्यापार और पर्यटन दोनों को बढ़ावा मिलेगा। किसान आंदोलन के कारण शंभू और खनाैरी बाॅर्डर बंद थे। अब इनके खुलने से उद्योगों को राहत मिल गई है।

किसान आंदोलन के कारण 13 महीने से बंद पड़े शंभू और खनौरी बॉर्डर के खुलने से पंजाब के उद्योग जगत को बड़ी राहत मिली है। पिछले दो दिनों में ही उद्योगपतियों और व्यापारियों के 110 करोड़ रुपये बचे हैं और माल की निकासी में भी तेजी आई है।

परिवहन लागत में आई कमी
बॉर्डर खुलने से परिवहन लागत में कमी आई है, जिससे उद्योगपतियों और व्यापारियों को प्रतिदिन 35 से 40 करोड़ रुपये का नुकसान बच रहा है। पिछले दो दिनों में ही 110 करोड़ रुपये की बचत हुई है और महीने में लगभग 1000 करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है। माल के आयात और निर्यात में कम समय लग रहा है। बॉर्डर बंद होने से हरियाणा और दिल्ली की ओर शिफ्ट हो रहे खरीदार अब वापस पंजाब आ रहे हैं। सेल में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

व्यापार और पर्यटन दोनों को मिलेगा बढ़ावा
ऑल इंडस्ट्री एंड ट्रेड फोरम के प्रधान बदीश जिंदल ने बताया कि कपड़ा और होजरी कारोबारियों को बड़ा फायदा होगा और उनकी सेल बढ़ेगी। फास्टनर सप्लायर एसोसिएशन के प्रधान राजकुमार सिंगला ने कहा कि पंजाब में फिर से खरीद बढ़ेगी और निवेश में तेजी आएगी, अगर राज्य में धरने नहीं लगते हैं। पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के प्रधान प्यारा लाल सेठ ने कहा कि खनौरी पंजाब का ट्रेड कॉरिडोर है और इसके खुलने से व्यापार और पर्यटन दोनों को बढ़ावा मिलेगा। बॉर्डर बंद होने के कारण पहले जिस फ्लाइट के पंजाब से दिल्ली तक 2 हजार 2500 वसूले जा रहे थे, उसका रेट 6 से 8 हजार रुपये हो गया था। वहीं, टैक्सी के लिए भी 3200 से 3300 की जगह 4000 से 4500 रुपये वसूले जा रहे थे।

सरकार सुनिश्चित करे दोबारा धरने न लगें
बॉर्डर बंद होने से ट्रांसपोर्टरों ने किराया बढ़ा दिया था, लेकिन अब सामान्य हो रहा है। दूसरे राज्यों से माल मंगवाने और भेजने के लिए 50 किलोमीटर की कम दूरी तय करनी पड़ रही है। फ्लाइट और टैक्सी के किराए में भी कमी आई है। आंदोलन के दौरान ट्रांसपोर्टर 15 से 20 हजार अधिक वसूल रहे थे। इस कारण उद्योगपतियों व व्यापारियों को रोजाना 35 से 40 करोड़ रुपये नुकसान हो रहा था। दोनों बॉर्डर खुलने से दूसरे राज्यों से माल मंगवाने व भेजने के लिए अब 50 किलोमीटर की दूरी कम तय करनी पड़ रही है। उद्योगपतियों का कहना है कि सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि राज्य में दोबारा धरने न हों, ताकि निवेश और व्यापार में स्थिरता बनी रहे।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com