यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के आह्वान पर लंबित वेतन समझौता, न्यू पेंशन को रद करने समेत अन्य 12 मांगों को लेकर बैंक कर्मियों की हड़ताल के चलते प्रदेश भर में शुक्रवार को 1200 करोड़ रुपये का कामकाज प्रभावित हुआ। वहीं विभिन्न कार्र्यो को लेकर बैंक गए लोगों को भी निराश होकर लौटना पड़ा।
देहरादून समेत प्रदेश के सभी जिलों में बैंक कर्मियों ने केंद्र सरकार की बैंक विरोधी नीतियों के विरोध में प्रदर्शन किया। जिसमें लिपिक वर्ग व अधीनस्थ वर्ग के साथ सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी शामिल रहे। वहीं, परेड ग्राउंड में प्रदर्शन के दौरान यूएफबीयू के संयोजक समदर्शी बर्थवाल ने कहा कि केंद्र सरकार की बैंक विरोधी नीतियों के खिलाफ बैंक कर्मी दो दिवसीय हड़ताल पर हैं। हड़ताल के बाद भी अगर आइबीए (इंडियन बैंक एसोसिएशन) का अड़ियल रवैया रहता है तो बैंक कर्मी 11 से 13 मार्च तक तीन दिवसीय हड़ताल करेंगे।
इसके बाद भी मांगों पर कार्रवाई न होने पर अप्रैल से वह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। हड़ताल में मुख्य रूप से ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडेरशन, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन, बैंक एम्प्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन शामिल रहीं। इस दौरान वीके जोशी, प्रमोद कुकरेती, हरिओम रेखी, अनिल जैन, डीएन उनियाल, आरपी शर्मा, एसएस राजवर, ललित बड़ोनी समेत अन्य मौजूद रहे।
एटीएम पर देखने को मिला हड़ताल का असर
यूएफबीयू के आह्वान पर हुई हड़ताल का असर शुक्रवार को शहरभर के एटीएम पर देखने को मिला। हड़ताल के चलते लेन-देन का सारा भार शहर के एटीएम पर आ गया। सुबह से ही एटीएम पर लोगों का आना-जाना लगा रहा। देर शाम तक एटीएम पर लोगों की लंबी कतारें देखने को मिली। जिसके चलते देर रात तक शहर के कुछ हिस्सों में एटीएम में कैश खत्म होने की सूचना मिली। बैंक कर्मचारियों के मुताबिक शनिवार शाम के बाद एटीएम खाली होने शुरू हो सकते हैं। जिस कारण रविवार को लोगों को कैश की किल्लत से जूझना पड़ सकता है।दून में पांच सौ करोड़ का कामकाज प्रभावित
यूएफबीयू के संयोजक समदर्शी बर्थवाल ने बताया कि बैंकों की हड़ताल में प्रदेश भर से 3300 कर्मचारी शामिल रहे। हड़ताल के चलते प्रदेश भर की 1500 शाखाओं में कामकाज ठप रहा। बैंकों में कैश व चेकों का समाशोधन न होने के कारण प्रदेश भर में 1200 करोड़ और देहरादून में पांच सौ करोड़ का लेनदेन प्रभावित हुआ। इसके अलावा अकाउंट ओपनिंग, चेक क्लियरेंस बैंक शाखा से होने वाले एनईएफटी और आरटीजीएस सेवाएं भी बाधित रहीं।
यह हैं बैंक कर्मियों की मांगे
बैंक कर्मियों की मांगों में प्रमुख रूप से विशेष भत्ता को मूल वेतन में मर्ज कराना, पेंशन का अपग्रेडेशन, पारिवारिक पेंशन में बढ़ोत्तरी, न्यू पेंशन स्कीम को रद करना, सभी शाखाओं में एक समान कारोबार अवधि तय करना, बैंक अधिकारियों के लिए नियत कार्य अवधि तय करना, पांच दिवसीय बैंकिंग, समान काम के लिए समान वेतन, सेवानिवृत्ति लाभ को आयकर की सीलिंग से मुक्त करना आदि शामिल हैं।