कर्नाटक में कोरोना वायरस (Coronavirus) से कोहराम मचा है. पिछले करीब 3 हफ्तों से यहां मरीजों की संख्या में रिकॉर्ड इज़ाफा हुआ है. राज्य में मरीजों की संख्या 90 हज़ार को पार कर गई है. इस बीच खबर है कि राजधानी बेंगलुरु (Bengaluru) में कोरोना के 3338 मरीज़ गायब हो गए हैं. आखिर वे कहां गए इनका कोई अता पता नहीं है. फिलहाल प्रशासन इनकी तलाश में जुटा है. अगर हिसाब लगाया जाए तो ये शहर में कुल कोरोना वायरस पॉजिटिव लोगों की संख्या का 7 प्रतिशत हिस्सा है.
कर्नाटक में राजधानी बेंगलुरु कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है. पिछले दो हफ्ते में यहां कोरोना के केस 16 हज़ार से बढ़कर 27 हजार तक पहुंच गए हैं.
पुलिस की ली जा रही मदद अधिकारियों का कहना है कि उनके पास मरीजों को ट्रैक करने का कोई साधन नहीं है. क्या रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद इन सबने खुद को क्वॉरंटीन किया है, इस बारे में भी फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिली है. बेंगलुरु महानगर पालिका के कमिश्नर एन मंजुनाथ प्रसाद ने कहा, ‘हम पुलिस की मदद से कुछ कोरोना पॉजिटिव मरीजों का पता लगा सकते हैं, लेकिन 3338 अभी भी अनट्रेसेबल हैं. कई मरीजों ने गलत मोबाइल नंबर और पते दिए हैं, जैसे ही इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई ये गायब हो गए.’
अब कोरोना टेस्ट से पहले सरकार ने रखी शर्ते
अब मरीजों का सैंपल लेने से पहले सरकार इन सबका पहचान पत्र देख रही है. इसके अलावा इनके मोबाइल नंबर को भी वेरिफाई किया जाएगा. उप मुख्यमंत्री डॉ.अश्वत नारायण ने कहा, ‘हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि सारे संक्रमित लोगों का पता लगाया जाए और उन्हें क्वारंटीन किया जाए. हमने इसे प्राथमिकता दी है ताकि उनका पता लगाया जा सके और उन्हें अलग किया जा सके.