सरकार के प्रवक्ता कि माने तो कैबिनेट की बैठक में इस प्रावधान के साथ वरिष्ठ नागरिक अधिनियम-2006 में संशोधन के लिए संसद में एक बिल पेश करने का निर्णय लिया गया है। इस बिल का मकसद वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को आसान और सुरक्षित बनाना है। बताया गया की ‘ऐसे कई उदाहरण हैं जहां लाखों रुपये की संपत्ति होने के बावजूद लोग अपने ही माता-पिता के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। उनकी देखरेख तक नहीं करते। इसलिए हम इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए कानून पेश करने जा रहे हैं।
बुजुर्ग माँ-बाप की देखभाल के लिए नेपाल की सरकार एक निर्णायक कदम उठाने जा रही है। इसके लिए एक ऐसा कानून बनाने की तैयारी है जिससे संतान को अपनी आय का एक तय हिस्सा बुजुर्ग माता-पिता के बैंक खाते में अनिवार्य रूप से जमा करना होगा।
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जानकारी के लिए बता दें मौजूदा कानून में 60 वर्ष से ऊपर वाले नागरिकों को वरिष्ठ नागरिक के तौर पर परिभाषित किया गया है। इसमें बच्चों के लिए अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करने की बात भी कही गई है। लेकिन कानून बनाकर पहली बार यह अनिवार्य करने की तैयारी है कि संतान को अपने अभिभावकों की देखभाल के लिए वित्तीय योगदान करना होगा।