देश में इंश्योरेंस सेक्टर में 74% FDI पर अब संसद की मुहर लग गई है. राज्यसभा इससे जुड़े बीमा संशोधन विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है जबकि सोमवार को लोकसभा ने भी इसको पास कर दिया. अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये जल्द ही कानून बन जाएगा.
इंश्योरेंस सेक्टर में 74% FDI की अनुमति के बाद बीमा कंपनियों का मालिकाना हक विदेशी कंपनियों के पास होगा. लेकिन सरकार ने इस पर कुछ सुरक्षा उपाय भी अपनाए हैं.
इंश्योरेंस सेक्टर में 74% एफडीआई के बावजूद विदेशी कंपनियां प्रीमियम से जुटाए जाने वाले पैसे को देश से बाहर नहीं ले जा सकेंगीं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दोनों सदनों में बिल पर चर्चा के बाद जवाब दिया और इस बात को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि प्रीमियम से जमा होने वाले पैसे का निवेश बीमा कंपनियों को देश में ही करना होगा.
विधेयक के बारे में सरकार ने स्पष्ट किया है कि भले बीमा क्षेत्र में 74% एफडीआई होगी, लेकिन कंपनियों में अहम पदों पर भारतीय ही नियुक्त किए जा सकेंगे. इतना ही नहीं 50% स्वतंत्र निदेशक भी भारतीय होंगे.
राज्यसभा में बिल पर चर्चा के बाद निर्मला सीतारमण ने कहा था कि बीमा क्षेत्र में FDI की सिर्फ ऊपरी सीमा 74% तय की जा रही है. इसका मतलब ये नहीं कि ये अनिवार्य शर्त है या सभी कंपनियों में 74% हिस्सेदारी विदेशी कंपनियों की हो जाएगी. बल्कि बीमा कंपनियां अपनी पूंजी जरूरत के हिसाब से निर्णय करके अधिकतम 74% विदेशी निवेश हासिल कर सकेंगी.
लोकसभा में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों को पूंजी जरूरतों के लिए सरकार पैसा देगी, लेकिन निजी क्षेत्र की कंपनियों को खुद से पूंजी जुटानी होगी.
बीमा क्षेत्र में एफडीआई सीमा बढ़ाने को लेकर सरकार की ओर से संसद में कहा गया कि इससे बीमा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और बीमा प्रीमियम की दरें भी प्रतिस्पर्धी बनेंगी. इससे देश के लोगों के बीच बीमा की पहुंच बढ़ेगी.
राज्यसभा में बिल पर चर्चा के जवाब में निर्मला सीतारमण ने कहा था कि देश में बीमा क्षेत्र सबसे अधिक विनियमित क्षेत्र है. इस क्षेत्र में नियामक हर बीमा उत्पाद से लेकर, बीमा क्षेत्र में निवेश, उसकी मार्केटिंग सब तय करता है. सरकार ने भी प्रावधान किया है कि बीमा क्षेत्र में आने वाला पैसा देश के भीतर ही निवेश किया जाएगा.
उन्होंने सोमवार को लोकसभा में कहा कि इस क्षेत्र में FDI सीमा बढ़ाने का निर्णय भी बीमा क्षेत्र नियामक IRDAI की सिफारिशों के आधार पर लिया गया है.