कोरोना वायस महामारी की मार झेल रहे अमेरिका में मौत के आंकड़े भयावह होते जा रहे हैं. रविवार को अमेरिका में कोरोना से मरने वालों की संख्या पांच लाख हो गई. यह आंकड़े जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की तरफ से जुटाए गए हैं. मरने वालों की संख्या कैंसास, मिसूरी और अटलांटा की आबादी के बराबर है. इन आंकड़ों में साल 2019 में सांस संबंधी दिक्कतों, स्ट्रोक, अल्जाइमर, फ्लू, और न्यूमोनिया जैसी बीमारियों से मरने वालों का भी आंकड़ा शामिल है.
अमेरिका के शीर्ष डॉक्टरों में शुमार डॉ. एंथनी फाउसी ने कहा कि अमेरिका में बीते 102 सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ. साल 1918 में आई महामारी में भी लोगों की जान गई थी पर यह दौर भयानक है. 19 जनवरी को अमेरिका में कोरोना से मरने वालों की संख्या चार लाख हो गई थी. अमेरिका के हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में कोरोना के खिलाफ सही लड़ाई नहीं लड़ी गई. कोरोना के मामले बढ़ने के कारणों में से यह भी एक प्रमुख कारण है.
एक समाचार एजेंसी के मुताबिक अमेरिका में कोरोना से सबसे पहले मौत के मामले फरवरी 2020 में सामने आए थे. यह मौतें सैंटा क्लारा काउंटी और कैलिफोर्निया में हुई थी. चार महीनों में मौत के आंकड़े एक लाख हो गए. सितंबर में यहां कोरोना से मरने वालों की संख्या दो लाख हुई, दिसंबर में तीन लाख. अगले दो महीनोंं में यह आंकड़ा तीन लाख से चार लाख हो गया और फिर आंकड़े पांच लाख तक पहुंच गए.
जॉन हॉपकिंस के मुताबिक विश्वभर में कोरोना से मरने वालों की संख्या 2.5 मिलियन की तरफ बढ़ रही है. यह आंकड़े सरकारों की तरफ से मुहैया कराये गए डेटा के आधार पर तैयार किए गए हैं जबकि जानकारों का मानना है कि मरने वालों की संख्या और ज्यादा हो सकती है. कहा यह भी जा रहा है कि अमेरिका में एक जून तक आंकड़ा 589,000 के पार निकल जाएगा. अमेरिका में लोग अपनों के जाने के दर्द से आहत हैं. उनका कहना है कि दुख का यह मंजर भुलाए नहीं भूलता है.