छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल गांधी को एक बार फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की पैरवी करते हुए शुक्रवार को कहा कि पार्टी में इस जिम्मेदारी के लिए सिर्फ उनकी स्वीकार्यता है. उन्होंने मीडिया के कार्यक्रम ‘में यह उम्मीद भी जताई कि असम, केरल और तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का गठबंधन जीत दर्ज करेगा.
यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी के अलावा कोई दूसरा व्यक्ति कांग्रेस का अध्यक्ष नहीं हो सकता, जिस पर पार्टी के वरिष्ठ नेता बघेल ने कहा, ‘‘हर व्यक्ति की अपनी स्वीकार्यकता होती है. कांग्रेस में केवल राहुल गांधी की स्वीकार्यता है. उनकी स्वीकार्यता पूरे देश में हैं. मेरी स्वीकार्यता छत्तीसगढ़ से बाहर नहीं है. हो सकता है कि दूसरे वरिष्ठ नेताओं की स्वीकार्य मुझसे ज्यादा हो, लेकिन राहुल गांधी कांग्रेस के भीतर देश भर में स्वीकार्य हैं.’’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘‘राहुल गांधी एक योद्धा हैं. चुनाव में हार जीत अपनी जगह होती है.’’ बघेल के मुताबिक, पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार के बाद राहुल गांधी ने नैतिक जिम्मेदारी ली और अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. लोग तो दूसरों पर जिम्मेदारी डाल देते हैं. सीडब्ल्यूसी और पार्टी प्रदेश इकाइयों ने उनसे आग्रह किया है कि वे फिर से अध्यक्ष बनें.
कई चुनावों में कांग्रेस की हार से जुड़े सवाल पर बघेल ने आरोप लगाया कि बीजेपी विकास और अर्थव्यवस्था पर चुनाव नहीं लड़ती, बल्कि सिर्फ भावनात्मक मुद्दों को हवा देती है. उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या लोकसभा चुनाव में भाजपा ने नोटबंदी और जीएसटी के नाम पर वोट मांगा? वह पश्चिम बंगाल और असम में लॉकडाउन के मुद्दे पर वोट क्यों नहीं मांग रही है?’’ बघेल ने कहा, ‘‘कांग्रेस की विचारधारा अपनी जगह बरकरार है. पार्टियों के लिए उतार-चढ़ाव आते रहते हैं.’’
असम विधानसभा के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने दावा किया, ‘‘असम में हम सरकार बनाने जा रहे हैं. भाजपा पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु में भी हार रही है. केरल में उसका वजूद नहीं है. हो सकता है कि पुडुचेरी में कुछ सीटें मिल जाएं.’’उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस इन राज्यों में पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ रही है.