पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार अभियान पूरे जोर पर है. गुरुवार को पहले चरण के चुनाव के लिए प्रचार का अंतिम दिन है. पहले चरण के अंतिम दिन से ठीक पहले राज्य में सत्तारूढ़ टीएमसी को एक ऐसा हथियार मिल गया है जिसके जरिए वो बीजेपी पर लगातार हमले कर रही है. टीएमसी ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के बरमूडा वाले बयान को अपना नया हथियार बना लिया है.
गौरतलब है कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें वो सुझाव देते नजर आ रहे हैं कि प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना चोटिल पैर दिखाने के लिए साड़ी की जगह ‘बरमूडा’ पहनना चाहिए. उनके इस बयान के बाद विवाद शुरू हो गया और टीएमसी ने इसे “स्तरहीन टिप्पणी” करार दिया है. तो वहीं सोशल मीडिया पर भी इस बयान पर चर्चा गर्म है.
बता दें कि दिलीप घोष ने पुरुलिया में एक चुनावी रैली के दौरान कहा था कि प्लास्टर कट गया है. क्रेप बैंडेज बांधा जा चुका है. और पांव उठा-उठा कर सबको दिखा रही हैं. साड़ी पहनी हुई हैं. एक पांव खुला और एक ढका हुआ. ऐसी साड़ी पहने किसी को नहीं देखा. जब पांव खुला ही रखना है तो साड़ी क्यों बरमूडा पहन सकती हैं. साफ दिखाई देगा.
इस बयान के बाद ही तृणमूल कांग्रेस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया सामने आने लगी थी. ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की ओर से ट्वीट करके कहा गया कि दिलीप घोष का बयान स्तरहीन है और महिलाओं का अपमान किया गया है. 2 मई को इसका उचित जवाब दिया जाएगा.
दिलीप घोष के बयान का बचाव करते हुए शिशिर अधिकारी ने कहा कि अगर उनको चोट लगी थी तो इसका इलाज कराने के लिए 200 किलोमीटर दूर कोलकाता क्यों गईं जबकि उन्होंने नंदीग्राम में ही सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाया है.
दरअसल नंदीग्राम में ममता बनर्जी को चोट लगने के बाद से ही बीजेपी आक्रामक मुद्रा में है. बीजेपी के कई नेताओं ने ममता बनर्जी की चोट को ममता का नाटक बताया है और चुनाव जीतने के लिए सहानुभूति पैदा करने की कोशिश कहा है.