कर्नाटक बीजेपी के तीन विधायकों ने राज्य के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को पत्र लिखा है। इस पत्र के जरिए उन्होंने अपनी एक मांग रखी है। इसमे उन्होंने 013 से 2018 के बीच हुए सांप्रदायिक हिंसा के तीन मामलों में हिंदू कार्यकर्ताओं पर दर्ज पुलिस केसों को वापस लेने का निवेदन किया है। इन विधायकों में थिरथाहल्ली के विधायक अरागा जनानेंद्र, विराजपेट से विधायक केजी बोपैय्या और करवर से विधायक रूपाली नाइक शामिल हैं।

जनानेंद्र ने अपने खत में लिखा है कि नाबालिग लड़की की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में नवंबर 2014 में 300 से अधिक हिंदू कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था। विधायक ने कहा, ‘300 से अधिक निर्दोष हिंदू युवक जो दिहाड़ी मजदूरी करते हैं उनपर पुलिस ने राजनीतिक दबाव में 10 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे। आपसे निवेदन है कि इन मामलों को वापस लेने का आदेश दिया जाए।’
बच्ची की मौत और पुलिस शिकायत ने उस समय राजनीतिक रूप ले लिया जब भाजपा ने सत्ताधारी कांग्रेस के विरूध्द आंदोलन छेड़ दिया था। भाजपा ने आरोप लगाया था कि पुलिस संदिग्धों को बचाने का प्रयास कर रही है क्योंकि वह अल्पसंख्यक समुदाय से पहचान रखते हैं। सरकार ने मामले की जांच राज्य की साआईडी को दे दी थी जबकि भाजपा सीबीआई जांच कराने की मांग कर रही थी। बता दें कि कर्नाटक में जदएस-कांग्रेस सरकार गिरने के बाद 26 जुलाई को बीएस येदियुरप्पा ने बतौर मुख्यमंत्री शपथ ली थी।
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