बिहार में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने राज्य के मंत्री रामसूरत राय से एग्रीमेंट पेपर और बैंक डिटेल दिखाने की मांग की है. तेजस्वी यादव ने यह मांग उस जमीन को लेकर की है जिसपर एक स्कूल चलाया जा रहा था और पिछले साल नवंबर के महीने में इसी जगह से शराब की खेप बरामद की गई थी.
तेजस्वी यादव ने कहा कि रामसूरत राय का झूठ सामने आ गया है. उन्होंने कहा कि ”जिस स्कूल से शराब बरामद की गई थी. उस स्कूल को लेकर रामसूरत राय का कहना है कि वो स्कूल उनके भाई हंस लाल राय के नाम पर नहीं है लेकिन बिजली का बिल उन्हीं के नाम से आता है.” हम मांग करते हैं कि रामसूरत राय कागजात दिखाएं, अगर जमीन को अमरेंद्र कुशवाहा नाम के शख्स को स्कूल चलाने के लिए किराए पर दिया गया था तो उससे संबंधित कागज दिखाए जाएं.
शनिवार की सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि अमरेंद्र कुशवाहा नाम के शख्स को इस केस में फंसाया जा रहा है. तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया कि अगर स्कूल के लिए जमीन किराए पर अमरेंद्र कुशवाहा को दी गई थी तो स्कूल रामसूरत राय के पिता के नाम पर क्यों है? उन्होंने कहा कि कुशवाहा स्कूल के संस्थापक नहीं हैं बल्कि हेडमास्टर हैं और स्कूल का रखरखाव करते हैं.
हाल ही में अमरेंद्र कुशवाहा के भाई अंशु भास्कर ने तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी और इस मामले में न्याय की गुहार लगाई थी. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अंशु भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि जिस दिन शराब की खेप स्कूल पर पहुंची थी उनके भाई ने हंस लाल राय को इस बात की जानकारी दी थी लेकिन उन्होंने इसके लिए कुछ नहीं किया. जिसके बाद खुद उन्होंने बोचाहा पुलिस थाने में इस बात की जानकारी दी. पुलिस ने उन्हें ही इस मामले में गिरफ्तार कर लिया. अंशु ने कहा कि हंस लाल राय और मेरे भाई अमरेंद्र कुशावाह के बीच इस बात को लेकर करार हुआ था कि जमीन पर स्कूल का संचालन किया जाएगा. स्कूल की शुरुआत साल 2017 में हुई थी.
अंशु ने कहा कि 12 नवंबर को उनके परिवार ने सीनियर पुलिस अधिकारियों को भी पत्र लिखा था. मार्च 11 को जब सदन में इस मामले को उठाया गया था तो दोनों लोगों ने अंशु को धमकी भी दी थी. अंशु के मुताबिक उनसे कहा गया था कि शराब बरामद होने के मामले में अगर उन्होंने आरोप कुशवाहा के ऊपर नहीं लिए तो उनके परिवार के साथ अच्छा नहीं होगा. अमरेंद्र के भाई ने दावा किया कि जैसे 11 मार्च को उन्हें धमकी मिली थी, उसी तरह आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बार उनके पूरे परिवार पर हमला हो सकता है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि मंत्री रामसूरत राय को लेकर जो सवाल हमने उठाए थे, उसका अब तक कोई जवाब नहीं मिला है. बिहार में शराबबंदी की हकीकत को लेकर हमने काफी चर्चा की है. हमने सबूतों के आधार पर अपनी बात रखी. रामसूरत राय के भाई हंसलाल के ऊपर FIR होती है लेकिन अब तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है. सरकार ने कहा था कि शराबबंदी कानून में जहां से भी शराब बरामद होगी वहां थाने खुलेंगे. नवंबर में शराब मिली लेकिन अब तक न तो गिरफ्तारी हुई, न थाना खुला.
रामसूरत राय के मामले को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि एक फिल्मी कहानी की तरह इसमें स्क्रिप्ट लिखी गई है. रामसूरत राय ने कहा कि वो इस विद्यालय के संस्थापक नहीं हैं, ये उनके भाई की जमीन है जो उन्होंने लीज पर दी हुई है जहां कोई और स्कूल चलाता है. तेजस्वी ने बिजली का बिल दिखाते हुए कहा कि ये बिल हंसलाल के नाम पर आता है, यानी ये जमीन उनके नाम पर है. स्कूल का नाम अर्जुन मेमोरियल ज्ञान मंदिर है, रामसूरत राय के पिता का नाम अर्जुन राय है. यानी मंत्री जी साफ साफ झूठ बोल रहे हैं.
तेजस्वी का सवाल ने सवाल करते हुए पूछा कि क्या गिरफ्तार अमरेंद्र ने पुलिस को कॉल करके शराब की जानकारी नहीं दी थी? पुलिस थाने की कॉल रिकॉर्डिंग सामने लाई जानी चाहिए. मंत्री के भाई को बचाने के लिए जिस आदमी ने जानकारी दी, उसी को जेल भेज दिया. उन्होंने कहा कि, अगर जमीन लीज पर दी गई तो एग्रीमेंट की कॉपी पेश करे, लीज का पैसा जिस अकाउंट में आया, उसे सामने लाएं. मुख्यमंत्री तुरंत मंत्री रामसूरत राय को बर्खास्त करें ताकि वो पद का दुरुपयोग न करें. आखिर ये कैसे हो सकता है कि कोई दूसरा व्यक्ति जमीन लीज पर लेकर आपके पिता के नाम पर स्कूल खोले?
उधर, शराबबंदी के बावजूद राज्य में शराब की बिक्री को लेकर आरजेडी विधायकों ने बिहार विधानसभा में प्रदर्शन किया. इस दौरान विधायकों ने कहा कि इस सरकार में शराब माफियाों को संरक्षण मिल रहा है.