बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही न हो इसके लिए राज्य सरकार पूरी तरह से अलर्ट पर है. सीएम नीतीश कुमार ने बुधवार को अधिकारियों के साथ एक हाईलेवल मीटिंग की. सरकार की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक सभी डॉक्टर्स और हेल्थकेयर वर्कर्स 31 मई तक छुट्टी नहीं ले सकेंगे. संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. इसके साथ ही सभी प्रखंडों में क्वारंटीन सेटर्स बनाने के निर्देश दिए गए हैं.
सीएम नीतीश कुमार के मुताबिक कोरोना संक्रमित राज्यों से वापस बिहार लौटने वाले लोगों को संक्रमण का ज्यादा खतरा हो सकता है. ऐसे में मामले बढ़ सकते हैं, इसीलिए एहतियाद के तौर पर पहले से तैयारी की जा रही है. सीएम की तरफ से अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि कोरोना केस वाले इलाकों में कंटेनमेंट जोन बनाए जाएं. सरकार यह कदम इसलिए उठा रही है कि बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से लोग बिहार वापस लौट सकते हैं. ऐसे में कोई भी लापरवाही सरकार बरतना नहीं चाहती. पिछली साल भी बड़ी तादाद में बिहार लौटने वाले लोगों को प्रखंड के क्वारंटीन सेंटर्स में ही रखा गया था.
सीएम नीतीश कुमार ने सभी जिलों के डीएम से कोरोना संक्रमण पर हालात की जानकारी ली. सीएम ने बैठक में कहा कि राज्य की बड़ी आबादी को देखते हुए किसी भी चुनौती के लिए पहले से तैयार रहना होगा. इसके लिए डिजास्टर मैनेजमेंट टीम भी अलर्ट पर है. वहीं गर्मी के दिनों में फैलने वाले इंसेफ्लाइटिस और एईएस के खतरे को देखते हुए भी सरकार कोई भी लापरवाही बरतना नहीं चाहती. इसीलिए स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं. सीएम नीतीश कुमार ने जनता से कोरोना नियमों का सख्तूी से पालन करने की अपील की. उन्होंने कहा कि स भी को मास्क लगाना चाहिए और दो गज की दूरी का भी ध्यान रखना चाहिए. समय-समय पर हाथ धोते रहना भी जरूरी है.
सीएम नीतीश कुमार ने अधिकारियों के साथ हुी मीटिंग में कहा कि इस बात पर भी ध्यान दिया जाए कि कोरोना के मामले तेजी के साथ क्यों बढ़ रहे हैं. इन इलाकों में नए मामले हैं. बाहर से कौन राज्य में आ रहा है. जो लोग बाहरी राज्यों से बिहार आ रहे हैं उन पर खास नजर रखी जाए. उनके संपर्क में आने वाले लोगों पर भी नजर बनाए रखने की जरूरत है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पिछली साल के एक्पीरियंस के आधार पर कोरोना को हराने की रणनीति तय की जाए. वहीं कोरोना की टेस्टिंग में भी किसी तरह की लापरवाही नहीं की जानी चाहिए.