पटना। बिहार विधानसभा में आज मद्य निषेध संशोधन विधेयक सदन में पेश किया गया, जिसपर सीएम नीतीश ने इसकी चर्चा की जिसके बाद सदन में इसे स्वीकृति दी गई। विपक्ष के सदन से वॉकअाउट करने के बाद विपक्ष की गैर मौजदगी में ही मद्य निषेध संशोधन बिल पास हुआ।
मद्य निषेध संशोधन विधेयक पेश करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके संशोधन पर सदन को जानकारी देते हुए कहा कि इस कानून के दुरुपयोग को रोकने पर सरकार का जोर है। निर्दोष लोगों को बचाने के लिए इसमें संशोधन किया गया है। संशोधन का मतलब ये नहीं कि पीने वाले बख्शे जाएंगे, शराब पीकर उपद्रव करने पर कड़ी कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी को लेकर सर्वसम्मति बनी थी तब शराबबंदी कराई गई थी। शराबबंदी को लेकर सर्वसम्मति से अभियान चलाया गया था। अभियान का व्यापक असर हुआ। इसके लिए मानव श्रृंखला बनाई गई थी और एक करोड़ से ज्यादा लोगों ने हस्ताक्षर भी किया था। आज समाज में हर तरफ खुशहाली आई है। शराबबंदी की सफलता की कहानी हर जगह है। शराब पीना या इसका कारोबार करना मौलिक अधिकार नहीं है। शराब पीने की आदत से लोगों को निकालना चाहिए। बिहार में हुई शराबबंदी से प्रेरणा लेकर दूसरे राज्य भी इसे लागू करने की योजना बना रहे हैं।