बिहार में आंधी-बारिश के कारण से माहौल, वज्रपात से तीन की मौत; बाढ़ का खतरा भी गहराया

 बिहार में एक बार फिर मौासम करवट ले रहा है। पटना समेत पूरे प्रदेश में रविवार से मौसम में बदलाव दिख रहा है। राजधानी में आंधी व बारिश का माहौल है। इस बीच मौसम विभाग ने कई जिलों में वज्रपात का अलर्ट जारी किया है। रविवार को अभी तक पटना, सहरसा व बेगूसराय में वज्रपात से तीन लोगों की मौत भी हो चुकी है। उधर, नेपाल से आने वाली नदियों में उफान के कारण बाढ़ की आशंका भी गहराती जा रही है। तटबंधों पर दबाव है। कई नए इलाकों में पानी घुस गया है।

रविवार को मौसम में बदलाव के संकेत

पटना मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी संजय कुमार के अनुसार मौसम तेजी से बदल रहा है। वर्तमान में मानसून की ट्रफ लाइन झारखंड, पश्चिमी बंगाल, त्रिपुरा से गुजर रही है। इस कारण बारिश में कमी आई है, लेकिन रविवार से बदलाव के संकेत मिलने लगे हैं। रविवार से मानसून की ट्रफ लाइन उत्तर की ओर बढ़नेसे बिहार में बारिश के आसार बन गए हैं।

कई जगह बारिश, वज्रपात से तीन की मौत

रविवार को राज्य के आकाश में बादल छाए हुए हैं। पटना सहित कई इलाकों में हल्की से तेज बारिश शुरू हो गई है। छपरा में तेज आंधी के साथ बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार भोजपुर, बक्‍सर, मुजफ्फरपुर, समस्‍तीपुर, मधेपुरा सहरसा, सिवान, गोपसलगंज व सारण आदि कई जिलों में बारिश और वज्रपात का खतरा है। इस बीच बेगूसराय के सिंघौल ओपी के हरदिया स्थित चंदवारा गांव में में रविवार की सुबह वज्रपात के कारण गौरी चौधरी के 35 वर्षीय पुत्र अनिल चौधरी की मौत हो गई। पटना के बाढ़ स्थित भदौर थाना क्षेत्र में भी वज्रपात से एक व्‍यक्ति की मौत हो गई। उधर, सहरसा के बसनही थाना क्षेत्र के तीनधारा में भी रविवार की सुबह रामचंद्र सादा के पुत्र बंसत सादा की वज्रपात की चपेट में आने से मौत हो गई।

कई नदियां उफान पर, बाढ़ का खतरा

जहां तक बाढ़ की बात है, कई इलाकों में खतरा मंडरा रहा है। कुछ नदियां उफान पर हैं। नेपाल से बिहार आने वाली नदियां उफान पर हैं। गंडक, कोसी, बागमती, लखनदेई, बूढ़ी गंडक जैसी नदियां सब कुछ अपने आगोश में चपेट लेने को उतारू हैं। नदियों के तेज बहाव से सड़कों का संपर्क टूट गया है। हालांकि ऐसा नहीं है कि यह खतरा अचानक से आया है बल्कि पहले से ही इसकी अंदेशा जताई जा रही थी। सड़क जलमग्न हो चुके हैं और हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ रहा है। एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है।

मिथिलांचल में नए इलाकों में फैला पानी

उत्तर बिहार में हल्की बारिश के बीच शनिवार को भी नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी रहा। गंगा, सोन और पुनपुन के जलस्तर में कमी आने लगी है। शनिवार को दरभंगा शहर, मधुबनी और समस्तीपुर जिले के नए इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया।

सीतामढ़ी में बागमती लाल निशान पार

इधर, मधुबनी के बिस्फी प्रखंड के दर्जनभर गांवों में धौस नदी का पानी फैल गया है। बेनीपट्टी में सड़कों पर पानी बह रहा है। समस्तीपुर के सिंघिया प्रखंड के दर्जनों गांव पानी से घिरे हैं। बागमती और करेह के जलस्तर वृद्धि से बिथान प्रखंड क्षेत्र की स्थिति गंभीर है। कल्याणपुर प्रखंड के निचले क्षेत्र में पानी फैल रहा है। दरभंगा शहर के पास सुतिहारा मुक्तिधाम बागमती के पानी में डूब गया है। बद्रीनारायण मंदिर के पास मोहल्ले में पानी घुसा है। केवटी प्रखंड के गोपालपुर में टूटे जमींदारी बांध की मरम्मत जारी रही। पश्चिम चंपारण में गंडक का जलस्तर 1.65 लाख क्यूसेक रहा। सीतामढ़ी में बागमती और अधवारा समूह की नदी लाल निशान के पार रही। मुजफ्फरपुर, शिवहर और पूर्वी चंपारण में पानी घटने से राहत मिली।

गंगा, सोन व पुनपुन के जलस्तर में कमी

इधर, पटना के पास गंगा का जलस्तर 24 घंटे में नौ सेंटीमीटर घटा है। शनिवार को यह 47.50 मीटर पर आ गया। शुक्रवार को यह 47.59 मीटर पर था। गंगा, सोन और पुनपुन के जलस्तर में कमी आने से प्रशासन ने राहत की सांस ली है। 24 घंटे में सोन नदी का जलस्तर 14 और पुनपुन नदी का नौ सेंटीमीटर कम हुआ है।

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