बिहार में बाढ़ की स्थिति शनिवार को भी गंभीर बनी रही, क्योंकि कई नदियां अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) ने अपने बुलेटिन में कहा कि कोसी, गंडक, बागमती, बूढ़ी गंडक और गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।इसमें कहा गया है कि कर्मचारी अलर्ट पर हैं और संवेदनशील स्थलों पर बाढ़ सुरक्षा कार्य किए जा रहे हैं।
बाढ़ से 40 लाख से अधिक लोग प्रभावित
अधिकारियों ने कहा कि पिछले महीने से राज्य के 38 जिलों में से 30 में आई बाढ़ से 40 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक प्रभावित जिलों में पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज, शिवहर, सीतामढ़ी, सुपौल, मधेपुरा और मुजफ्फरपुर शामिल हैं। आपदा प्रबंधन विभाग (डीएमडी) ने कहा कि सितंबर के तीसरे सप्ताह में गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण आई बाढ़ से 28.34 लाख लोग प्रभावित हुए। इसमें कहा गया है, ‘‘दूसरे चरण में, नेपाल से गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा, कमला बलान और कई अन्य नदियों में भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के कारण आई बाढ़ से कुल 16.68 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।”
जायसवाल ने सहरसा में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा
राजस्व मंत्री एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने सहरसा में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। वह महिषी क्षेत्र में एक राहत शिविर में भी गए और वहां लोगों को दिए जा रहे भोजन की गुणवत्ता का निरीक्षण किया। जायसवाल ने राहत एवं पुनर्वास कार्यों का भी जायजा लिया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मैंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि बाढ़ प्रभावित लोगों को उच्च गुणवत्ता वाला भोजन और हर संभव मदद मिले।”