नए मोटर वाहन कानून के अंतर्गत वाहन जांच के क्रम में आम लोगों को परेशान करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करे हुए पटना हाइकोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकारों से जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद हाेगी।
स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिड्यूर अपनाने का आदेश
जस्टिस शिवाजी पांडेय व जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने राजेश सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई की। इसमें कोर्ट ने राज्य सरकार को वाहन के कागजातों की जांच के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिड्यूर (एसओपी) अपनाने का आदेश दिया। इससे दस्तावेजों की जांच एम. परिवहन एप के माध्यम से संभव हो सकेगी।
जुर्माने की अधिक राशि पर केंद्र से मांगा जवाब
याचिकाकर्ता ने जुर्माने की राशि अधिक होने पर भी उठाया। कहा कि प्रति व्यक्ति कम आय वाले राज्य में जुर्माने की राशि बहुत अधिक है। इसपर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से भी जवाब मांगा है।
विदित हो कि नए मोटर वाहन कानून में जुर्माने की राशि बहुत अधिक कर दी गई है। इसके तहत पुलिस भी अधक सक्रिय होकर जुर्माना कर रही है। वाहन के कागजात की जांच के दौरान मनमानी की शिकायतें भी मिल रहीं हैं। इससे परेशाान लोग कई जगह आंदोलन पर भी उतर चुके हैं।