बिहार में तीन नवंबर को दूसरे चरण के लिए मतदान होना है। इसे लेकर जहां राजनीतिक गतिविधियां जारी हैं। वहीं चुनाव के बीच आयकर विभाग ने शुक्रवार को पटना के प्रमुख चार ठेकेदारों की कंपनियों पर एक साथ छापेमारी की। विभाग की छापेमारी में इनके ठिकानों से 75 करोड़ की अघोषित आय का खुलासा हुआ है। दूसरी तरफ नल-जल योजना से संबंधित एक ठेकेदार के यहां से 2.28 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए हैं।

आयकर विभाग ने पटना, भागलपुर, हिलसा और कटिहार में चार प्रमुख ठेकेदार समूहों के यहां एकसाथ छापेमारी की थी। चारों ठेकेदारों के यहां की गई छापेमारी में 75 करोड़ की अघोषित आय का खुलासा हुआ है। इनमें से दो ठेकेदार ऐसे हैं, जो नल-जल योजना से संबंधित हैं। इनमें से एक ठेकेदार के यहां से आयकर विभाग की टीम ने नकद 2.28 करोड़ रुपये बरामद किए।
अधिकांश लोग जिनके पास अवैध दस्तावेज मिले हैं वे उसके बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहे हैं। इस छापेमारी को लेकर जहां विपक्ष ने सरकार को घेरा है। वहीं एनडीए नेता का कहना है कि वो तथ्यों की जानकारी ले रहे हैं। भाजपा नेता भूपेंद्र यादव का कहना है कि पूरी पारदर्शिता के साथ नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार चल रही है।
वहीं केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा, ‘चारों समूह सामग्री एवं मजदूर की आपूर्ति में ज्यादा खर्च दिखाकर कर से बचते हुए पाए गए। अभी तक की छापेमारी में 75 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है।’ सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए प्रशासनिक प्राधिकार है।
सीबीडीटी ने बताया कि छापेमारी के दौरान 3.21 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए जबकि 30 करोड़ रुपये की सावधि जमा पर रोक के आदेश दिए गए हैं। बयान में बताया गया कि 16 करोड़ रुपये की संपत्ति पर भी रोक लगाई गई है। सीबीडीटी ने कहा कि एक मामले में इसने पाया कि विभिन्न पार्टियों को बिना किसी सेवा या आपूर्ति के साक्ष्य के भुगतान किए गए हैं।
आयकर विभाग ने भागलपुर के ठेकेदार ललन कुमार और उनके भाई सुमन कुमार के यहां से अब तक 82 लाख रुपये नकदी बरामद की है। दोनों भाइयों के यहां से कई एकड़ जमीन खरीदने के सबूत भी मिले हैं। इनकी लोटस कंस्ट्रक्शन लिमिटेड नाम से कंपनी है। विभाग ने जिले की कई पंचायतों में जल-नल योजना में इन ठेकेदार भाइयों को मिले काम का वर्क ऑर्डर भी जब्त कर लिया है।
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