बिहार चुनाव : चुनावी समर में दागीयो की भरमार, सत्ता के लिए कुछ भी कर गुजरेगे अपराधी

चुनाव के दूसरे चरण में सियासी दलों ने 54 फीसदी दागी उम्मीदवारों को टिकट दिया है। अधिकांश पर गंभीर अपराधिक मामले हैं। कई सीटों पर आपराधिक छवि वाले साफ छवि के उम्मीदवारों पर भारी पड़ रहे हैं। दूसरे चरण में 94 सीटों पर कुल 1464 उम्मीदवार मैदान में हैं।

राजद के दानापुर से उम्मीदवार रीतलाल राय पर सर्वाधिक14 मामले दर्ज हैं। बख्तियारपुर से राजद के उम्मीदवार अनिरुद्ध कुमार पर ग्यारह मुकदमे दर्ज हैं। जदयू के उम्मीदवार भी पीछे नहीं हैं। मटिहानी सीट से जदयू उम्मीदवार बोगो सिंह पर 13 मामले दर्ज हैं। कुचायकोट से जदयू अमरेंद्र कुमार पांडेय पर 11 मुकदमे दर्ज हैं। मीनापुर से लोजपा उम्मीदवार अजय कुमार पर 12 मुकदमे दर्ज हैं।

साहेबपुर कमाल से एआईएमआईएम उम्मीदवार गोरेलाल राय पर 11 मामले दर्ज हैं। इसी तरह दानापुर से रालोसपा उम्मीदवार दीपक कुमार पर 10 मामले दर्ज हैं। साहेबगंज सीट से ताल ठोक रहे वीआईपी उम्मीदवार राजू कुमार सिंह पर 10 मुकदमे लंबित हैं।
किस दल में कितने दागी

प्रत्याशियों की ओर से चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्र में भाजपा के 47 उम्मीदवारों में 29 उम्मीदवार दागी हैं। लोजपा के 52 उम्मीदवारों में से 31 उम्मीदवार दागी हैं। जदयू के 43 उम्मीदवारों में से 17 उम्मीदवार दागी हैं। कांग्रेस के 24 उम्मीदवारों में से 13 उम्मीदवार दागी हैं। राजद के 56 उम्मीदवारों में से 37 उम्मीदवार दागी हैं। जाप के 39 उम्मीदवारों में से 32उम्मीदवार दागी हैं। बसपा के 31 उम्मीदवारों में से 15 उम्मीदवार दागी है। राकांपा के 25 उम्मीदवारों में 8 उम्मीदवार दागी हैं।

वाम दलों और छोटे दलों के उम्मीदवारों का भी यही हाल है। सीपीआई, सीपीएम,प्लूरल्स, एआईएमआईएम, वीआईपी और अन्य को मिलाकर 19 दागी उम्मीदवार मैदान में ताल ठोक रहें हैं। 10 बडे़ दलों के कुल 437 उम्मीदवारों में से 234 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

इनमें से 45 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। दागियों को मौका देने में पप्पू यादव की जाप अव्वल है। जाप के 82 फीसदी उम्मीदवार दागी हैं। दूसरे नंबर पर रालोसपा है। पार्टी के 71 फीसदी उम्मीदवार दागी हैं। राजद के 66 फीसदी और भाजपा के 61 फीसदी उम्मीदवार दागी हैं। इसी तरह लोजपा के 60, कांग्रेस के 55, बसपा के 49, जदयू के 40 और एनसीपी 32 फीसदी उम्मीदवार दागी हैं।

रीतलाल राय पर 14 मामले
अनिरुद्ध कुमार 11 मामले
बोगो सिंह पर 13 मामले
अमरेंद्र कुमार पांडेय पर 11
अजय कुमार पर 12 मामले
गोरेलाल राय पर 11 मामले
दीपक कुमार पर 10 मामले
राजू कुमार सिंह पर 10 मामले

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद प्रत्याशियों के चयन में राजनीतिक दलों पर कोई असर नहीं पड़ा। उन्होंने फिर से अपना वही ढर्रा अपनाते हुए आपराधिक मुकदमे का सामना कर रहे पहले चरण में 31 फीसदी और दूसरे चरण में इतने ज्यादा दागी उम्मीदवारों को टिकट दिया है।
– जगदीप छोकर, संस्थापक एवं ट्रस्टी एडीआर

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