बिहार के नवादा में सामूहिक आत्महत्या करने वाले केदारलाल गुप्ता के परिवार के 6 सदस्यों की अर्थियां एक साथ उठी, तो हर कोई गमगीन हो गया। फल व्यवसायी के परिवार का शहर के मिर्जापुर स्थित खुरी नदी के किनारे बिहारी घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। दिल्ली से आए केदारलाल गुप्ता के एकमात्र बचे बेटे अमित गुप्ता ने अपने परिवार को मुखाग्नि दी। उसने कहा कि सूदखोर उसके भाई-बहनों को उठाने की धमकी देते थे। उनसे पूरा परिवार परेशान था।
केदारलाल गुप्ता, उनकी पत्नी, तीन बेटियां और एक बेटे ने बुधवार देर रात सुनसान जगह पर जहर खा लिया था। इनमें से दो की मौके पर मौत हुई और बाकी ने अस्पताल लाने के बाद दम तोड़ा। एक बेटी की हालत गंभीर थी, उसे पावापुरी विम्स ले जाया गया जहां उसकी भी गुरुवार शाम में मौत हो गई।
मरने से पहले केदारलाल गुप्ता, उनके बेटे प्रिंस व साक्षी ने पुलिस को दिए गए में कर्ज देने वाले 6 सूदखोरों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया था। सभी छह लोगों के नाम प्रिंस के मोबाइल में मिले दो पेज के सुसाइड नोट में लिखे पाए गए। पुलिस ने केस दर्ज कर दिया है। दो सूदखोरों को गिरफ्तार भी कर लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।
मरते-मरते बहन बोली- भैया सब खत्म हो गया
अपने परिवार के सदस्यों का अंतिम संस्कार करने के बाद अमित गुप्ता ने कहा कि उसके पिता ने सूदखोरों से कर्ज ले रखा था। वे लगातार उसके पिता और परिवार को टॉर्चर कर रहे थे। वे लोग उसके भाई-बहन को उठाने की भी धमकी दे रहे थे। यही कारण है कि उसके परिवार ने यह आत्मघाती कदम उठाया। न्याय यही कहता है कि उसके परिजनों की मौत के जिम्मेदार लोगों को सजा मिले। अमित की आखिरी बार अपनी बहन से बात हुई थी, जिसने मरते-मरते फोन पर कहा था कि भैया सब खत्म हो गया, सब लोग सुसाइड कर लिए।