विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगी दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी)-लिबरेशन ने दावा किया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा देने से केंद्र के इनकार से पैदा हुई शर्मिंदगी के कारण नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए।
भाकपा (माले)-एल ने विशेष पैकेज पर ‘भ्रामक’ दावों के लिए सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की आलोचना की और अगले महीने विरोध मार्च निकालने की घोषणा की। दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक में पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार की अनुपस्थिति पर जनता दल (यूनाइटेड) के नेताओं ने चुप्पी साधे रखी।
मुख्यमंत्री ने पड़ोसी राज्य झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा के लिए पटना में पार्टी की बैठक की। बिहार विधानसभा में भाकपा (माले)-लिबरेशन के नेता महबूब आलम ने कहा, ‘‘मैं यह जरूर कहना चाहूंगा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से केंद्र सरकार के इनकार के कारण मुख्यमंत्री इस बैठक में शामिल नहीं हुए।”
लोकसभा चुनावों के बाद जद (यू) ने एक राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की थी, जिसमें विशेष दर्जे की नयी मांग को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया था। लोकसभा चुनाव में भाजपा बहुमत से चूक गई थी और सहयोगी दलों पर बहुत अधिक निर्भर हो गई है।