सूबे के चर्चित आरा कोर्ट बम ब्लास्ट कांड के सजायाफ्ता कैदी प्रमोद सिंह की सोमवार की सुबह अचानक मौत हो गई। मंडल से सदर अस्पताल, आरा के इमरजेंसी कक्ष में इलाज के लिए लाए जाने के बाद डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद कोहराम मच गया। इधर, जेल प्रशासन की मानें तो हार्ट अटैक के कारण कैदी की मौत हुई है।
दूसरी ओर, जिलाधिकारी के आदेश पर मजिस्ट्रेट की निगरानी में बोर्ड गठित कर शव का पोस्टमॉर्टम कराए जाने की प्रक्रिया चल रही है। सूचना मिलने पर परिजन समेत सगे-संबंधी भी अस्पताल पहुंच गए हैं। मृतक प्रमोद सिंह सहार थाना क्षेत्र के एकवारी गांव का निवासी था।
चार साल पहले हुई थी कोर्ट में बम ब्लास्ट की घटना
आपको बताते चलें कि 23 जनवरी 2015 को आरा सिविल कोर्ट परिसर में बम ब्लास्ट हुआ था। इस घटना में बम लाने वाली यूपी के बलिया की संदिग्ध महिला नगीना देवी की मौत हो गई थी। ड्यूटी पर कार्यरत सिपाही अमित कुमार शहीद हो गया था, जबकि एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
बम ब्लास्ट के दौरान आरा जेल से सिविल कोर्ट में पेशी के लिए लाए गये लंबू शर्मा व अखिलेश उपाध्याय फरार हो गये थे, जिन्हें बाद में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में उस समय कुख्यात लंबू शर्मा, अखिलेश उपाध्याय तथा मृत महिला नगीना देवी के विरुद्ध केस दर्ज किया गया था।
पिछले साल कोर्ट ने एक को फांसी और आठ को सुनाई थी उम्र कैद की सजा
पिछले साल कोर्ट ने आरोपी कुख्यात लम्बू शर्मा को भादवि की धारा 302 के तहत मृत्यु दण्ड तथा आरोपी प्रमोद सिंह अखिलेश उपाध्याय, रिंकू यादव, चांद मियां, नईम मियां, अंशु कुमार, व श्याम विनय शर्मा को भादवि की धारा 302 के तहत सश्रम उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जबकि, पीरो के पूर्व विधायक सुनील पांडेय साक्ष्य के अभाव में बरी हो गए थे।