बिहार विधानसभा चुनाव की सियासी बिसात बिछायी जाने लगी है. नीतीश कुमार के अगुवाई वाले एनडीए में सहयोगी दलों के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के प्रमुख चिराग पासवान ने कहा है कि बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए उनकी पार्टी तैयार है. इतना ही नहीं चिराग पासवान ने कोरोना संकट को लेकर नीतीश कुमार की सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.
चिराग पासवान अपने एजेंडे पर पूरी तरह से कायम हैं. चिराग पासवान ने दोहराया है कि बिहार में अब किसी एक व्यक्ति का एजेंडा नहीं चलने वाला है. एनडीए की तीन पार्टियां अगर साथ मिल कर चुनाव लड़ने जा रही हैं तो एजेंडा तीनों का होगा. चिराग पासवान ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा है कि एनडीए में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाना होगा. वह भी चुनाव से पहले. उन्होंने कहा कि अभी तय नहीं हुआ तो चुनाव के बाद तो तय ही नहीं होगा. उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए या ऐसे किसी गठबंधन की सरकार बनेगी जिसमें लोक जनशक्ति पार्टी शामिल होगी तो कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के आधार पर बनेगी और चलेगी.
चिराग पासवान ने फिर कहा कि बिहार में अभी चुनाव कराने का वक्त नहीं है, लिहाजा चुनाव टाल देना चाहिए. हालांकि, चिराग ने कहा कि चुनाव कराने का फैसला चुनाव आयोग को लेना है, लेकिन मौजूदा परिस्थिति ऐसी नहीं है कि बिहार में चुनाव कराए जा सकें. उन्होंने कहा कि आचार संहिता लागू होने के बाद मतदान में महज चार से 6 सप्ताह तक ही चुनाव प्रचार होता है. चुनाव प्रचार के दौरान नुक्कड़ सभाएं और रैलियां होती हैं. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग कैसे हो पाएगी. इस संबंध में उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की है, उन्हें स्पष्ट रूप से बता दि दिया है कि बिहार चुनाव के लिए तैयार नहीं है.
चिराग पासवान ने कहा कि बिहार में कोई भी चुनाव से कतरा नहीं रहा है. एलजेपी सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए 100 फीसदी तैयार है. लेकिन हमारी अपनी चितांए हैं, क्योंकि यह हमारी अपनी भी जिम्मेदारी है. वर्चुअल रैली के सवाल पर चिराग पासवान ने कहा कि बिहार के सभी समाज के बीच वर्चुअल रैली के जरिए नहीं पहुंचा जा सकता है. खासकर समाज का पिछड़ा वर्ग अभी तकनीक से दूर है. उन्होंने सवाल किया कि बिहार में आज भी लोगों के पास कितने स्मार्ट फोन हैं और कितने गांव में इंटरनेट की सुविधा है.
चिराग पासवान ने सवाल उठाते हुए कहा कि नीतीश कुमार कोरोना संक्रमण और बाढ़ के मामले से निपटने में फेल रहे हैं. उन्होंने ने कहा कि बाढ़ को लेकर हम हर साल ऐसी ही तस्वीर देखते हैं. नीतीश कुमार 15 साल से सत्ता पर हैं उन्हें अच्छा खासा अनुभव भी है. इसके बावजूद क्या बदलाव आया. मैंने बार-बार बिहार की नदियों को आपस में जोड़ने के लिए पत्र लिखा है, जिसे अमल में लाना चाहिए था. अगले साल भी इस साल जैसे ही हालात रहेंगे. कोरोना की बात करें तो टेस्टिंग के बाद कुछ नहीं किया गया है. क्वारनटीन सेंटर से भयानक रिपोर्ट्स आ रही हैं. एक दिन भी ऐसा नहीं होता जिस दिन बिहार के अस्पतालों की खराब तस्वीरें सामने न आएं.