कोविड-19 की वैक्सीन के निर्माण और उसकी आपूर्ति करने में भारत की बड़ी भूमिका है। दुनिया के तमाम विकासशील देश भारत से बनी वैक्सीन से लाभान्वित होने वाले हैं। यह बात अमेरिका के परोपकारी अरबपति बिल गेट्स ने समाचार एजेंसी के साथ इंटरव्यू में कही है। गेट्स का फाउंडेशन महामारी से लड़ने और वैक्सीन के विकास में मदद कर रहा है।
गेट्स ने कहा, विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ी त्रासदी को विश्व इस समय झेल रहा है। वैक्सीन के निर्माण के लिए पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। वैक्सीन का विकास होते ही उसकी खुराकों के निर्माण की जिम्मेदारी भारत पर आ जाएगी। वैक्सीन का निर्माण और उसकी आपूर्ति बहुत बड़ा काम होगी। वैक्सीन के विकास की जो प्रक्रिया चल रही है उससे लग रहा है कि इसका निर्माण कार्य 2021 में शुरू हो पाएगा। जाहिर तौर पर इसकी बहुत बड़ी मात्रा बनानी होगी। वैसे भारत में इतने बड़े निर्माण की क्षमता है।
तीसरे और अंतिम चरण में पहुंचा परीक्षण
इस समय कई देशों के वैज्ञानिक और फार्मास्युटिकल कंपनियां वैक्सीन के विकास के कार्य में लगी हैं। कुछ वैक्सीन परीक्षण के तीसरे और अंतिम चरण में भी पहुंच चुकी हैं। उम्मीद है कि साल के अंत तक वैक्सीन तैयार कर ली जाएगी।
गेट्स ने कहा, यह विश्व युद्ध नहीं है, लेकिन यह उसके बाद की सबसे बड़ी घटना है। गेट्स का बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन दुनिया के सबसे बड़े परोपकारी संगठनों में से एक है, जो महामारी के खिलाफ पूरी दुनिया में सहायता कार्यक्रम चला रहा है। यह फाउंडेशन भारत समेत तमाम देशों की पिछड़ी आबादी को स्वास्थ्य संबंधी मदद मुहैया कराता है।
सीरम इंस्टीट्यूट के साथ बिल गेट्स फाउंडेशन ने किया करार
भारत के सीरम इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर वैक्सीन के निर्माण की क्षमता बढ़ाने और इसकी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भी फाउंडेशन ने करार किया है। सीरम इंस्टीट्यूट हर तरह की वैक्सीन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है।
गेट्स ने कहा, वैक्सीन के निर्माण में भारत की बड़ी भूमिका है, लेकिन इसे विकासशील देशों तक पहुंचाना खासा चुनौतीपूर्ण है। इसीलिए हम वैक्सीन के निर्माण और आपूर्ति व्यवस्था में शामिल हुए हैं। संपन्न देशों से इतर दुनिया के देशों तक वैक्सीन को पहुंचाने और लोगों की जान बचाने की भी हमारी जिम्मेदारी है।