भारतीय महिला क्रिकेट टीम वेस्टइंडीज के दौरे पर गई है। यहां भारतीय टीम को वेस्टइंडीज की महिला टीम से 3 मैचों की वनडे सीरीज और पांच मैचों की टी20 इंटरनेशनल सीरीज खेलनी है, लेकिन वेस्टइंडीज में मिताली राज और उनकी टीम को दैनिक भत्ता नहीं मिला है। इसके पीछे का कारण भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(BCCI) का नया गठन है।
हालांकि, इसकी सूचना मिलते ही बीसीसीआइ मिताली राज और उनकी टीम की खिलाड़ियों के खाते में दैनिक भत्ता (Daily Allowance) डाल दिया गया है। Cricket Operations and women’s cricket in-charge के जनरनल मैनेजर सबा करीम ने खिलाड़ियों को आश्वासन दिया था कि बीसीसीआइ का नया गठन होने के तुरंत बाद सभी खिलाड़ियों को डीए मिल जाएगा और ये रकम बुधवार को सभी के खाते में भेज दी गई।
बीसीसीआइ के अधिकारी ने एजेंसी से बात करते हुए कहा है कि वित्तीय प्रक्रिया प्रशासकों की समिति (CoA) के कार्यकाल के दौरान 18 सितंबर के आसपास शुरू हो गई थी। 23 सितंबर को सबा करीम ने इसके अप्रूवल के बारे में मेल भी भेजा था, लेकिन 24 अक्टूबर तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।” सीओए के जाने और बीसीसीआइ का नया गठन होने के चलते ऐसा संयोग बना कि भारतीय महिला टीम विदेश में बिना पैसों के पहुंची।
महिला खिलाड़ियों को विदेशी सरजमीं पर बिना पैसों के भेजने के लिए कौन जिम्मेदार है? जब वित्तीय लोगों की ओर से 18 सितंबर को प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी तो 24 अक्टूबर तक इस और ध्यान क्यों नहीं दिया गया? क्या हम सभी लोग बीसीसीआइ के नए अध्यक्ष और उनकी टीम का इंतजार कर रहे थे, और हमने अपनी महिला खिलाड़ियों को इतनी बड़ी समस्या में डाल दिया।
बोर्ड के एक और पदाधिकारी ने सवाल उठाया है कि क्यों सबा करीम के मेल पर मेल भेजने के बावजूद इस ओर ध्यान नहीं दिया गया और अप्रूवल की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई। पदाधिकारी ने कहा, “यदि मेरी गणना ठीक है तो करीम ने 23 सितंबर को अप्रूवल के लिए मेल भेजा था। 25 सितंबर को फिर से रिमाइंडर मेल भेजा। यहां तक कि 24 अक्टूबर को करीब एक महीने के बाद फिर से CFO को अप्रूवल के लिए मेल भेजा, लेकिन खिलाड़ियों के खाते में पैसे नहीं भेजे गए।