प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करने के मकसद से मध्य प्रदेश में ‘आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश’ को लेकर इन दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वेबिनार के जरिए एक्सपर्ट्स, मंत्रियों से चर्चा कर रहे हैं. इसी चर्चा के दौरान सीएम शिवराज ने कहा है कि सरकार की कोशिश होनी चाहिए कि अगले तीन साल में मध्य प्रदेश आत्मनिर्भर कैसे बने.

दरअसल, मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से इन दिनों ‘आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश’ वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है. शुक्रवार को इसमे जहां भौतिक अधोसंरचना पर चर्चा हुई तो वहीं शनिवार को गुड गवर्नेंस पर सरकार और विशेषज्ञों के बीच बातचीत हुई. इस वेबिनार की खास बात ये है कि हर सत्र से पहले आम लोगों से सुझाव मांगे जाते हैं कि वो मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए क्या बदलाव चाहते हैं.
खुद सीएम शिवराज ने कहा कि बिना आम जनता की भागीदारी और सहयोग से आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लक्ष्य को हासिल करना संभव नहीं है. सीएम ने वेबिनार में मौजूद विशेषज्ञों से कहा कि मध्य प्रदेश में लॉजिस्टिक हब की बात हो या फिर पर्यटन, टाइगर रिजर्व के क्षेत्र में मध्य प्रदेश के पास जो असीम संभावनाएं और संसाधन मौजूद हैं, उसका इस्तेमाल कर कैसे प्रदेश को इसमे देश में सबसे ऊपर लाना है, इस पर एक राय बनना जरूरी है.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में प्राकृतिक संसाधन, आदर्श भौगोलिक स्थिति, अच्छा उत्पादन, वनोपज, कला, संस्कृति, पर्यटन, हथकरघा, सांस्कृतिक परंपराएं बहुतायत में हैं लेकिन बिना गुड गवर्नेंस के इन्हें लागू नहीं किया जा सकता. इसलिए प्रदेश में सुशासन के लिए ठोस कदम उठाने होंगे. इस वेबिनार में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु, नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत जैसे दिग्गज मौजूद थे.
सुरेश प्रभु ने कहा कि मध्य प्रदेश की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि ये देश के केंद्र में स्थित है और ऐसे में यहां लॉजिस्टिक हब बनने से रोजगार की असीम संभावनाएं बनेगी क्योंकि कोरोना से दुनिया भर की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. ऐसे में आत्मनिर्भर होकर आगे बढ़ना बेहद जरूरी हो गया है.
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