कानपुर में केन्या से एक बहुत ही हैरानीजनक मामला सामने आया है। शादी वाले दिन लड़की के साथ ऐसा दर्दनाक हादसा हुआ कि हर कोई सन्न रह गया। लड़की के घर के बाहर एक तरफ बारात खड़ी थी और दूसरी तरफ अंदर उसके साथ पांच लोग उसकी इज्जत के साथ खिलवाड़ कर रहे थे। मिली जानकारी के अनुसार गांव के पांच दबंगों ने युवती को आठ घण्टे तक बन्धक बनाकर कई बार बलात्कार किया जबकि उसकी बारात उसके दरवाजे पहुंच चुकी थी। हैरानीजनक बात ये है कि इतना बड़ा हादसा होने के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ करीब एक महीने बाद मामला दर्ज करवाई है, वो भी तब जब उसे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने लताड़ लगाई है। ये घटना 12 मई की है। आठ घण्टे तक वहशी दरिन्दों के चंगुल में रही अल्पना (काल्पनिक नाम) को छोडऩे के लिये उसकी मां गुहार लगाती रही। अपनी बेटी की अस्मत बचाने के लिये उसकी बारात दरवाजे आने की बात कहकर अपना सिर पटकती रही लेकिन दबंगों ने उसे उस लड़की को बर्बाद करके छोड़ा जो कुछ देर बाद अपने दूल्हे के साथ सात फेरे लेकर नई जिन्दगी की शुरूआत करने वाली थी। लेस्बियन कपल ने कर डाला ये शर्मनाक काण्ड, फिर खुद दे डाली जान इस घटना के बाद इज्जत का वास्ता देकर माता-पिता ने उसे चुप रहने को कहा और उसके फेरे करा दिए, लेकिन अगले ही दिन ससुरालवालों ने उसके जिस्म पर घाव देखकर मामला पूछा और घर से निकाल दिया। अब अल्पना की जिन्दगी तार-तार हो चुकी थी। एक बार उसने जान देने की सोची लेकिन फिर अपने गुनहगारों को उसके किए की सजा दिलवाने का इरादा ठान लिया। वो रेप की शिकायत दर्ज कराने रसूलाबाद पुलिस थाने पहुंची लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने की बजाय उसे भगा दिया। पुलिस इसे आपसी और पुरानी रंजिश के तहत गढ़ी गयी एक कहानी मान रही थी। पुलिस ने इस बात की जरूरत भी नहीं समझी कि पीडि़त युवती का मेडिकल परीक्षण करा लिया जाए। थकहार कर अल्पना ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की शरण ली।

बाहर दरवाजे पर खड़ी थी बारात और अंदर पांच लोग कर रहे थे दुल्हन के साथ ये कांड

कानपुर में केन्या से एक बहुत ही हैरानीजनक मामला सामने आया है। शादी वाले दिन लड़की के साथ ऐसा दर्दनाक हादसा हुआ कि हर कोई सन्न रह गया। लड़की के घर के बाहर एक तरफ बारात खड़ी थी और दूसरी तरफ अंदर उसके साथ पांच लोग उसकी इज्जत के साथ खिलवाड़ कर रहे थे।  कानपुर में केन्या से एक बहुत ही हैरानीजनक मामला सामने आया है। शादी वाले दिन लड़की के साथ ऐसा दर्दनाक हादसा हुआ कि हर कोई सन्न रह गया। लड़की के घर के बाहर एक तरफ बारात खड़ी थी और दूसरी तरफ अंदर उसके साथ पांच लोग उसकी इज्जत के साथ खिलवाड़ कर रहे थे।    मिली जानकारी के अनुसार गांव के पांच दबंगों ने युवती को आठ घण्टे तक बन्धक बनाकर कई बार बलात्कार किया जबकि उसकी बारात उसके दरवाजे पहुंच चुकी थी। हैरानीजनक बात ये है कि इतना बड़ा हादसा होने के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ करीब एक महीने बाद मामला दर्ज करवाई है, वो भी तब जब उसे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने लताड़ लगाई है। ये घटना 12 मई की है। आठ घण्टे तक वहशी दरिन्दों के चंगुल में रही अल्पना (काल्पनिक नाम) को छोडऩे के लिये उसकी मां गुहार लगाती रही। अपनी बेटी की अस्मत बचाने के लिये उसकी बारात दरवाजे आने की बात कहकर अपना सिर पटकती रही लेकिन दबंगों ने उसे उस लड़की को बर्बाद करके छोड़ा जो कुछ देर बाद अपने दूल्हे के साथ सात फेरे लेकर नई जिन्दगी की शुरूआत करने वाली थी।  लेस्बियन कपल ने कर डाला ये शर्मनाक काण्ड, फिर खुद दे डाली जान इस घटना के बाद इज्जत का वास्ता देकर माता-पिता ने उसे चुप रहने को कहा और उसके फेरे करा दिए, लेकिन अगले ही दिन ससुरालवालों ने उसके जिस्म पर घाव देखकर मामला पूछा और घर से निकाल दिया। अब अल्पना की जिन्दगी तार-तार हो चुकी थी। एक बार उसने जान देने की सोची लेकिन फिर अपने गुनहगारों को उसके किए की सजा दिलवाने का इरादा ठान लिया। वो रेप की शिकायत दर्ज कराने रसूलाबाद पुलिस थाने पहुंची लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने की बजाय उसे भगा दिया। पुलिस इसे आपसी और पुरानी रंजिश के तहत गढ़ी गयी एक कहानी मान रही थी। पुलिस ने इस बात की जरूरत भी नहीं समझी कि पीडि़त युवती का मेडिकल परीक्षण करा लिया जाए। थकहार कर अल्पना ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की शरण ली।

मिली जानकारी के अनुसार गांव के पांच दबंगों ने युवती को आठ घण्टे तक बन्धक बनाकर कई बार बलात्कार किया जबकि उसकी बारात उसके दरवाजे पहुंच चुकी थी। हैरानीजनक बात ये है कि इतना बड़ा हादसा होने के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ करीब एक महीने बाद मामला दर्ज करवाई है, वो भी तब जब उसे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने लताड़ लगाई है। ये घटना 12 मई की है। आठ घण्टे तक वहशी दरिन्दों के चंगुल में रही अल्पना (काल्पनिक नाम) को छोडऩे के लिये उसकी मां गुहार लगाती रही। अपनी बेटी की अस्मत बचाने के लिये उसकी बारात दरवाजे आने की बात कहकर अपना सिर पटकती रही लेकिन दबंगों ने उसे उस लड़की को बर्बाद करके छोड़ा जो कुछ देर बाद अपने दूल्हे के साथ सात फेरे लेकर नई जिन्दगी की शुरूआत करने वाली थी।

इस घटना के बाद इज्जत का वास्ता देकर माता-पिता ने उसे चुप रहने को कहा और उसके फेरे करा दिए, लेकिन अगले ही दिन ससुरालवालों ने उसके जिस्म पर घाव देखकर मामला पूछा और घर से निकाल दिया। अब अल्पना की जिन्दगी तार-तार हो चुकी थी। एक बार उसने जान देने की सोची लेकिन फिर अपने गुनहगारों को उसके किए की सजा दिलवाने का इरादा ठान लिया। वो रेप की शिकायत दर्ज कराने रसूलाबाद पुलिस थाने पहुंची लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने की बजाय उसे भगा दिया। पुलिस इसे आपसी और पुरानी रंजिश के तहत गढ़ी गयी एक कहानी मान रही थी। पुलिस ने इस बात की जरूरत भी नहीं समझी कि पीडि़त युवती का मेडिकल परीक्षण करा लिया जाए। थकहार कर अल्पना ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की शरण ली।

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