बालिका गृह मामला : बसपा शासन में देवरिया डीएम की गिरिजा से होती थी बात, अब बनी सरकार के गले की फांस

LUCKNOW : देवरिया के मां विंध्यवासिनी देवी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान की संचालिका गिरिजा देवी त्रिपाठी के नेक्सस का खुलासा वर्ष 2012 में ही हो गया था। तत्कालीन डीएम रविकांत द्वारा कराई गई जांच में बालिका गृह में कई बड़े अफसरों की आमोदरफ्त की पुष्टि होने पर जांच रिपोर्ट को ही ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। जिससे उत्साहित गिरिजा की करतूतें बढ़ती गईं और वह ऐसे अफसरों के बल पर अपना ‘धंधा’ खुलेआम चमकाती रही। उसकी यही करतूतें आज सरकार व पुलिस के गले की फांस बन गईं हैं। 

फोन पर पहुंची थी शिकायतें 
सूत्रों के मुताबिक, वर्ष 2012 में कुमार रविकांत देवरिया के डीएम पद पर नियुक्त हुए थे। नियुक्ति के बाद उनके सीयूजी नंबर पर गिरिजा देवी के बालिका गृह की शिकायत पहुंची। जिस पर डीएम रविकांत ने तत्कालीन एसपी देवरिया शचि घिल्डियाल को बालिका गृह की जांच कराने का आदेश दिया। एसपी घिल्डियाल ने मातहतों से गिरिजा के बालिका गृह की जांच कराई तो हैरान कर देने वाली हकीकत सामने आई। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस की जांच में पता चला कि गिरिजा के बालिका गृह में गोरखपुर व आसपास के जिलों के कई अधिकारियों का अक्सर ‘आना-जानाÓ होता था। बताया जाता है कि आने-जाने वालों में कुछ आईएएस अधिकारी भी शामिल थे।

रिपोर्ट सबमिट होते ही साधी चुप्पी

बताया जाता है कि गिरिजा देवी के मोबाइल फोन की सीडीआर में उसके कई अधिकारियों से लगातार बातचीत के प्रमाण मिले। पुलिस ने तमाम साक्ष्यों के साथ अपनी जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी। पर, रिपोर्ट में हुए खुलासे देख अधिकारी सकते में आ गए। बताया जाता है कि जांच के दौरान गिरिजा देवी त्रिपाठी ने जांच अधिकारियों को भी धमकाने की कोशिश की थी। वहीं, जांच रिपोर्ट सबमिट होने पर उसने अधिकारियों के जरिये उसे दबवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बड़े अधिकारियों को फंसता देख पुलिस की जांच रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। बताया जाता है कि रिपोर्ट के दबने के बाद गिरिजा देवी इस कदर बेखौफ हो गई कि उसने अपनी करतूतों को खुलेआम अंजाम देना शुरू कर दिया था।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com