गर्मी के मौसम में हुई बारिश की वजह से तापमान में कुछ कमी आयी है और लोग राहत की सांस ले रहे हैं लेकिन मौसम में आए इस बदलाव की वजह से एक सप्ताह में डेंगू के दस्तक देने की बात कही जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार ऐसे मौसम में डेंगू और मलेरिया के मच्छरों की संख्या बढ़ जाती है। मौसम में बदलाव के बाद डेंगू-मलेरिया विभाग ने भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। तापमान में कमी आने की वजह से दिक्कत ज्यादा बढ़ जाती है। पिछले साल डेंगू के 1500 संदिग्ध मरीज सामने आए थे। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने सिर्फ 103 लोगों में ही डेंगू की पुष्टि की थी। डेंगू से 4 लोगों की मौत हुई थी, जबकि स्वास्थ्य विभाग ने सिर्फ 2 लोगों की मौत की पुष्टि की थी।
बढ़ सकते हैं डेंगू-मलेरिया के मरीज
ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रियंका ने बताया कि बारिश होने की वजह से कई जगह पानी जमा हो गया है। तापमान में गिरावट की वजह से मच्छरों की संख्या बढ़ सकती है। एक सप्ताह में इसका व्यापक असर होगा। इस दौरान डेंगू और मलेरिया के मरीज भी बढ़ सकते हैं।
मच्छरों को पनपने का मिलता है मौका
एशियन अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. राजेश बुद्धिराजा का कहना है कि बारिश के बाद पानी भरने से मच्छरों को पनपने का मौका मिल जाता है, जिससे हेपेटाइटिस ए और ई के साथ टायफाइड फीवर और डायरिया के मरीज बढ़ सकते हैं। क्यूआरजी अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. संजीव कपूर ने बताया कि लोगों में रोगों से लड़ने की क्षमता कम होती जा रही है। इसी वजह से लोग मौसम में बदलाव के साथ होने वाले संक्रामक रोगों से निपट नहीं पाते और बीमार पड़ जाते हैं।
डेंगू से बचना है तो हल्के रंग के कपड़े पहनें
मौसम में बदलाव से होता है फ्लू
दरअसल, वातावरण में जब एक-साथ कई बदलाव होते हैं तो इस बदलाव से फ्लू की स्थिति पैदा होती है। ये फ्लू अति संवेदनशील लोगों तक पहुंचने के लिए शरीर के एक निश्चित तापमान का इस्तेमाल करता है, जिस कारण शरीर खुद को मौसमी परिवर्तन के लिए अनुकूल करने में विफल साबित होता है। इसीलिए बैक्टीरिया के संक्रमण और वायरस से प्रभावित होने की संभावना काफी अधिक हो जाती है। इस मौसम में भी एक दो मरीज डेंगू के सामने आ जाते हैं। बीके सिविल अस्पताल के डॉ विरेंद्र ने बताया कि हमारी तैयारी पूरी है। अगर कोई डेंगू का केस सामने आएगा तो पूरा इलाज मिलेगा। वैसे इस मौसम में डेंगू का खतरा कम होता है।
ताकि पैदा न हों मच्छर
– कहीं भी खुले में पानी जमा न होने दें। साफ पानी भी गंदे पानी जितना ही खतरनाक है। पानी पूरी तरह ढककर रखें।
– कूलर, बाथरूम, किचन आदि में जहां पानी रुका रहता है दिन में एक बार मिट्टी का तेल डाल दें।
– अगर विंडो एसी के बाहर वाले हिस्से के नीचे पानी टपकने से रोकने के लिए ट्रे लगी हुई है तो उसे रोज खाली करना न भूलें।
– कूलर का पानी रोज बदलें और उसमें ब्लीचिंग पाउडर या बोरिक ऐसिड जरूर डालें।
– गमले घर के भीतर हों या बाहर, इनमें पानी जमा न होने दें।
– नहाने के बाद बाथरूम को वाइपर और पंखे की मदद से सुखा दें।
– घर के अंदर सभी जगहों में हफ्ते में एक बार मच्छरनाशक दवाई का छिड़काव जरूर करें।
– मच्छर गाढ़े रंग की तरफ आकर्षित होते हैं, इसलिए हल्के रंग के कपड़े पहनें।